NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 – Lakh Ki Chudiyan

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 – Lakh Ki Chudiyan (लाख की चूड़ियां) – कामतानाथ ( Kamtanath )

Textbook Hindi Class 8 Vasant (वसंत भाग 3)
Chapter 2 – Lakh Ki Chudiyan (लाख की चूड़ियां)
Author Kamtanath (कामतानाथ)

कहानी से –

1. बचपन में लेखक अपने मामा के गांव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘ बदलू मामा’ न कहकर ‘ बदलू काका ‘ क्यों बढ़ कहता था?

उतर – बचपन में लेखक अपने मामा के गांव चाव से जाता था क्यूंकि वहां उसे सुंदर लाख की गोलियां बनाकर देने वाला ‘ बदलू ‘ रहता था जिसका काम लाख की चूड़ियां बनाना था। लेखक ‘ बदलू ‘ को ‘ बदलू मामा ‘ नहीं कहता था बल्कि ‘ बदलू काका ‘ कहता था क्योंकि गांव के सभी बच्चे उसे ‘ बदलू काका ‘ कहकर ही पुकारते थे।

2. वस्तु- विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है ?

उतर – वस्तु – विनिमय का मतलब है सामान के बदले सामान लेना । इसमें पैसे में लेन – देन नहीं होता । यहां बदलू भी लोगो को अपनी चुरियों के बदले उनसे अनाज लेता था, या अपनी जरूरत का सामान। आज। के समय में विनिमय की प्रचलित पद्धति पैसे है। लोग आज कल सामान के बदले पैसे लेते – देते है।

3. ‘ मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।‘ – इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है ?

उतर – ‘ मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए है। इस पंक्ति में लेखक इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि पहले बदलू अपने हाथों से मेहनत करके लाख की चूड़ियां बनाता था, पर अब मशीन के आने से उसका ये काम बंध हो गया। लोगो ने कांच की चूड़ियां लेना शुरू कर दी तो उनका गुजर – बसर होना मुश्किल हो गया। यानि लेखक परेशान है कि मशीन के आने से अब सारा काम जल्दी होता है तो लोगो ने कारीगरों को पूछना बंध कर दिया है, जिससे वो बेरोजगार हो गए है।

4. बदलू के मन में ऐसी कौन – सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी।

उतर – बदलू के मन में अपने काम के बंद होने की व्यथा थी, जो मशीन के आने से हुई थी। उसके मन में ये दुख था कि लोग अब लाख की चूड़ियां नहीं पसंद करते जो बड़ी ही मेहनत से बनती थी। बल्कि उसकी जगह कांच की चूड़ियां पसंद करते थे जो सिर्फ देखने में सुंदर लगती थी, जो टिकाऊ नहीं होती। लेखक ये जानता था कि बदलू को कांच की चूड़ियां पसंद नहीं थी। पर अब बाजार में कांच की चूड़ियां। का प्रचलन देख बदलू दुखी है। ये बात लेखक समझ चुका था।

5. मशीनी युग में बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?

उतर – मशीनी युग से बदलू के जीवन में बेरोज़गारी आ गई। क्योंकि अब लोगो को मेहनत से बनाए लाख की चूड़ियां नहीं पसंद आती थी, बल्कि उसकी जगह मशीन से बनी कांच की चूड़ियां भाने लगी थी,जो देखने में रंग बिरंगी सुंदर होती थी। तो मशीन के आने से बदलू की कमाई का साधन खत्म हो गया था।

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 – Lakh Ki Chudiyan – कहानी से आगे

1. आपने मेले – बाजार आदि में हाथ से बनी चीजो को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगिरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए ।

उतर – मैंने मेले – बाजार में मिट्ठी के खिलौने देखे तो मैंने कुम्हार से मुझे भी मिट्ठी। के खिलौने बनाने सिखाने को कहा था। तो उसने भी मुझे मिट्ठी गिली करके चक्र पर रखकर खिलौने बनाने सिखाए, फिर उसमे रंग भरने सिखाए। जिसे सीख कर मुझे बहुत मज़ा आया।

2. लाख। कि वस्तुओं का निर्माण भारत के किन – किन राज्यो में होता है? लाख से चूरियो के अतिरिक्त क्या – क्या चीज़े बनती है? ज्ञात कीजिए।

उतर – लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के उतर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक राज्यो में होता है। लाख से कई सजावट सामान बनता है, चूड़ियां बनती है। मूर्तियां, गोलियां भी बनती है।




NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 – Lakh Ki Chudiyan – भाषा की बात

1. ‘ बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो कांच की चूरियों से ‘ और बदलू स्वयमत कहता है – “ जो सुंदरता कांच की चूड़ियां में होती है लाख में कहां संभव है? “ ये पंक्तियां बदलू की दो प्रकार की मनोदशाएं को सामने लाती है। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमे व्यंग्य भी है। हरे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।

उतर – व्यंग्य वाक्य –“ अब पहले जैसे खेल कहां?
व्याख्या – हमारे मां – बाप हर वक्त कहते है कि ‘ अब पहले जैसे खेल कहां, क्योंकि पहले बच्चे पेड़ों पर चढ़ते थे, नदियों में खेलते थे। पर आजकल बच्चे मोबाइल पर ही गेम खेलते है घर पर ही बैठे रहते है एक जगह।

2. ‘बदलू ‘ कहानी दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात ( व्याकरण ) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते है। संज्ञा को तीन भेदों में बाटा गया है( क) व्यक्तिवाचक संज्ञा जैसे लला, रज़्जों, आम,कांच, गाय इत्यादि (ख़) जातिवाचक संज्ञा, जैसे – चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा। (ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे – सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परन्तु उसका अनुभव होता है । पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएं चुनकर लिखिए।

उतर –व्यक्तीवाचक संज्ञा – जैसे – बदलू, गाय,आम आदि।
जातीवाचक संज्ञा – स्वभाव, आकार,चरित्र आदि।
भाववाचक संज्ञा – नाजुक, सुंदरता, आदि।

3. गांव की बोली में कई शब्दों। के उच्चारण बदल जाते है। कहानी में बदलू वक्त ( समय) को बखत,उम्र ( वय/ आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजीये जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो,अर्थ में नहीं।

उतर – जिंदगी – जीवन
औलाद – संतान
रंज – दुख
इंसान – मनुष्य
गम – मायूसी

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