NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 17 – बाज और सांप (Baaj Aur Saanp) – निर्मल वर्मा (Nirmal Verma)
शीर्षक और नायक –
1. लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के अधार पर रखा है। लेखक ने बाज और सांप को क्यों चुना ? आपस में चर्चा कीजिए।
उतर – बच्चे आपस में चर्चा करके अपने अनुभव पर लिखे
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 17 – कहानी से
1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, “ मुझे कोई शिकायत नहीं है। “ विचार प्रकट कीजिए।
उतर – घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा, की मुझे कोई शिकायत नहीं क्योंकि वो अपने ज़िंदगी का पूरा मज़ा ले चुका था, इसलिए उसे अपनी ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं थी, ऐसा कुछ नहीं था जो वो करना चाहता था।
2. बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था ?
उतर – बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना चाहता था क्योंकि जिंदगी भार उसने ऐश किया मेहनत की, अब बुढापे में वो कोई समझौता नहीं करना चाहता था, वो अब भी काम करना चाहता था।
3. सांप उड़ने की इक्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की ?
उतर – सांप उड़ने की इकछा को मूर्खतापूर्ण मानता था पर बाज जब बार – बार उड़ने की इक्छा ज़ाहिर कर रहा था,तो उसको लगा कि ऐसा आकाश में क्या है जो बाज इतना बेचैन है उड़ने के लिए। तब सांप भले ही उड़ना नहीं जानता पर अब उसमे भी उड़ने की इच्छा प्रकट होने लगी कि मै भी एक बार उड़के देखू।
4. बाज के लिए लहरों ने तीव्र क्यों गाया था ?
उतर – बाज के लिए लहरों ने गीत गाया था क्योंकि उसने अपने प्राण गवां दिए थे पर अपना साहस कभी नहीं खोया था। इस वजह से लहरों ने खुश होकर गीत गाया था।
5. घायल बाज को देखकर सांप खुश क्यों हुआ होगा ?
उतर – घायल बाज को देखकर सांप खुश हुआ क्योंकि वो उससे अब कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता था। वैसे सब जानते है कि बाज सांप को खाता है इसलिए उसका दुश्मन है। पर उसके घायल होने पर वो थोड़ा। बेफिक्र था कि बाज उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 17 – कहानी से आगे
1. कहानी में से पंक्तियां चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।
उतर – कहानी की वो पंक्तियां निम्नलिखित है जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती है ।
- हमारा यह गीत उन साहसी लोगो के लिए है जो अपने प्राणों को हथेली पर लिए घूमते है।
- “ आह ! काश, मै सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता। “
2. लहरों का गीत सुनने के बाद सांप ने क्या सोचा होगा ? क्या उसने फिर से उड़ने कोशिश की होगी ? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।
उतर – बच्चे अपनी कल्पना अनुसार जवाब लिखे ।
3. क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं ? विचार प्रकट कीजिए।
उतर – बच्चे अपने विचार स्वयं लिखे।
4. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इकछा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन। साधनों से पूरी करता है ।
उतर – आज मनुष्य उड़ने की इच्छा हेलीकॉप्टर , एयरोप्लेन के माध्यम से पूरा करता है।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 17 – भाषा की बात
1. कहानी में से अपनी पसंद के पांच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उतर – 1. अन्तिम सांस गिनना – रामू की दादी बहुत बूढ़ी और बीमार रहती है वो अपनी अंतिम सांसे गिन रही है।
- प्राण हथेली पर रखना – सपेरे सांपो के बीच ऐसे रहते है जैसे अपने प्राण हथेली पर लिए घूम रहे हो।
- मन में आशा जागना – बाज की उड़ने की इच्छा को देखकर सांप के मन में भी आशा जागने लगी उड़ने की।
- हिम्मत बांधना – मुसीबत के समय परिवार के लोगों का साथ होने से हिम्मत बंधती है।
- भांप लेना – जब बच्चे अपने मार्क्स बढ़वाने टीचर के पास गए तो टीचर ने उनके आने का कारण भांप लिया था।
2. ‘ आरामदेह ‘ शब्द में ‘ देह ‘ प्रत्यय है। यहां ‘ देह ‘ ‘ देनेवाला ‘ के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में ‘ द ‘ , ‘ प्रद ‘, ‘ दाता’, ‘ दाई ‘ आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे – सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्य्यों को लेकर दो – दो शब्द बनाइए।
उतर – द – बुलंद, सुखद।
दाता – मुखदाता, प्राण दाता ।
दाई – दुखदाई, कष्टदाई ।
देह – संदेह, विश्रामदेह ।
प्रद – कष्टप्रद, शिक्षाप्रद ।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant
1. ध्वनि – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ निराला ‘
2. लाख की चूड़ियां – कामतानाथ
3. बस की यात्रा – हरिशंकर परसाई
4. दीवानों की हस्ती – भगवतीचरण वर्मा
5. चिठियों की अनूठी दुनिया – अरविन्द कुमार सिंह
6. भगवान के डाकिए – रामधारी सिंह ‘ दिनकर ‘
7. क्या निराश हुआ जाए – हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
8. यह सबसे कठिन समय नहीं – जय जादवानी
9. कबीर की साखियां – कबीर ( Kabir )
10. कामचोर – इस्मत चुगताई
11. जब सिनेमा ने बोलना सीखा – प्रदीप तिवारी
12. सुदामा चरित – नरोत्तमदास
13. जहां पहिया है – पी. साईनाथ (अनु.)
14. अकबरी लोटा – अनपूर्णानन्द वर्मा
15. सूरदास के पद – सूरदास
16. पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी
18. टोपी – सृंजय
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