NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 11 – Jab Cinema Ne Bolna Sikha (जब सिनेमा ने बोलना सीखा)
Textbook | Hindi Class 8 Vasant (वसंत भाग 3) |
Chapter | 11 – Jab Cinema Ne Bolna Sikha (जब सिनेमा ने बोलना सीखा) |
Author | Pradeep Tiwari (प्रदीप तिवारी) |
पाठ से –
1. जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन – से वाक्य छापे गए ? उस फिल्म में कितने चेहरे थे ? स्पष्ट कीजिए ?
उतर – जब पहली बोलती फिल्म ‘ आलम आरा ‘ प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों में ये है वाक्य छापे गए थे – वे सभी सजीव है, सांस ले रहे हैं, शत – प्रतिशत बोल रहे है, अठहत्तर मुर्दा इंसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बाते करते देखो।
2. पहला बोलता सिनेमा बनाने के लिए फिल्मकार अदृशिर एम. ईरानी को प्रेरणा कहां से मिली ? उन्होनें आलम आरा फिल्म के लिए आधार कहां से लिया? विचार व्यक्त कीजिए ?
उतर – अदेशिर ने 1929 में हॉलीवुड की एक बोलती फिल्म ‘ शो बोट ‘ देखी और उनके मन में बोलती फिल्म बनाने की इच्छा जगी। उन्होंने आलम आरा फिल्म की पटकथा के लिए आधार पारसी रंगमंच के एक लोकप्रिय नाटक को बनाया।
3. विट्ठल का चयन आलम आरा फिल्म के नायक के रूप हुआ लेकिन उन्हें हटाया क्यों गया ? विट्ठल ने पुनः नायक होने के लिए क्या किया ? विचार प्रकट कीजिए ?
उतर – विट्ठल का चयन ‘ आलम आरा ‘ फिल्म के नायक के रूप में हुआ था, पर उन्हें उर्दू बोलने में मुश्किलें आती थी, जिसकी वजह से उन्हें हटाया गया और उनकी जगह महबूब को नायक बना दिया गया। विट्ठल ने पुनः नायक होने के लिए मुकदमा कर दिया, और उनके वकील थे मोहम्मद अली जिन्ना, जिनकी वजह से वो मुकदमा जीते थे।
4. पहली स्वाक फिल्म के निर्माता – निर्देशक अद्रशिर को जब सम्मानित किया गया तब समांकर्ताओं ने उनके लिए क्या कहा था ? अद्रेशिर ने क्या कहा ? और इस प्रसंग में लेखक ने क्या टिप्पणी की है ? लिखिए।
उतर – पहली सवाक फिल्म के निर्माता – निर्देशक अद्रेशीर को जब सम्मानित किया गया तब सम्मनकर्ताओ ने उनके लिए कहा की वो ‘ भारतीय स्वाक़ फिल्मों का पिता ‘ है। इस पर अदरशिर ने कहा था, “ मुझे इतना बड़ा खिताब देने की जरूरत नहीं है।मैंने तो देश के लिए अपने हिस्से का ज़रूरी योगदान दिया है। “ और इस प्रसंग में लेखक ने अदर्शिर को एक विनम्र व्यक्ति बताया था।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 11 – Jab Cinema Ne Bolna Sikha – पाठ से आगे
1. मूक सिनेमा में संवाद नहीं होते, उसमे दैहिक अभिनय की प्रधानता होती है । पर, जब सिनेमा बोलने लगा,उसमे अनेक परिवर्तन हुए। उन परिवर्तनों को अभिनेता, दर्शक और कुछ तकनीकी दृष्टि से पाठ आधार लेकर खोजे, साथ ही अपनी कल्पना का भी सहयोग ले।
उतर – मूक सिनेमा में संवाद नहीं होते,उसमे दैहिक अभिनय की प्रधानता होती है। पर, जब सिनेमा बोलने लगा, उसमे अनेक परिवर्तन हुए। अब पढ़ – लिखे अभिनेता – अभिनेत्रियों की जरूरत भी शुरू हुई क्योंकि अब संवाद उन्हें बोलने पड़ते थे।
हिंदी – उर्दू भाषाओं महत्व बड़ा। अभिनेताओं – अभिनेत्रियों की लोकप्रियता का असर उस दौर के दर्शकों पर भी खूब पड़ रहा था।नायिका सुलोचना की हेयर स्टाइल उस दौर में औरतों में लोकप्रिय थी। भारतीय कलाकारों के अलावा ईरानी कलाकारों ने भी अभिनय किया था।
2. डब फिल्में किसे कहते है ? कभी – कभी डब फिल्मों में अभिनेता के मुंह खोलने और आवाज़ में अंतर आ जाता है। इसका कारण क्या हो सकता है ?
उतर – डब फिल्में मतलब अभिनेताओं की आवाज़ को दूसरे व्यक्ति की आवाज़ देना। डब फिल्मों में अभिनेता के मुंह खोलने और आवाज़ में अंतर आ जाता है क्योंकि जब डब किया जाता है तब बोलना और डब करना साथ में नहीं होता। या कोई तकनीकी दुविधा के कारण भी ऐसा होता है।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 11 – Jab Cinema Ne Bolna Sikha – भाषा की बात
1. स्वाक शब्द वाक् के पहले ‘ स ‘ लगाने से बना है। स उपसर्ग से कई शब्द बनते है। निम्नलिखित शब्दो के साथ ‘ स का उपसर्ग की भांति प्रयोग करके शब्द बनाए और शब्दार्थ में होने वाले परिवर्तन को बताएं। हित, परिवार,विनय, चित्र, बल, सम्मान।
उतर – हित – सहित अर्थ ( के साथ )
परिवार – सपरिवार अर्थ ( परिवार के साथ )
विनय – सविनय अर्थ ( विनयपुर्वक )
चित्र – सचित्र अर्थ ( चित्र सहित )
बल – सबल अर्थ ( बल के साथ )
सम्मान अर्थ ( सम्मान के साथ ) ।
2. उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही शब्दांश होते है। वाक्य में इनका अकेला प्रयोग नहीं होता । इन दोनों में अंतर केवल इतना होता है कि उपसर्ग किसी भी शब्द से पहले लगता है और प्रत्यय बाद में। हिंदी के सामान्य उपसर्ग इस प्रकार है – अ/अन, नि,दुय क/ कु, स/सु, अध, बिन, औ आदि।
पाठ में आए उपसर्ग और प्रत्यय युक्त शब्दो के कुछ उदहारण नीचे दिए जा रहे हैं –
इस प्रकार के 15—15 उदहारण खोजकर लिखिए और अपने सहपाठियों को दिखाइए।
उतर –
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant
- 1. ध्वनि – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ निराला ‘
- 2. लाख की चूड़ियां – कामतानाथ
- 3. बस की यात्रा – हरिशंकर परसाई
- 4. दीवानों की हस्ती – भगवतीचरण वर्मा
- 5. चिठियों की अनूठी दुनिया – अरविन्द कुमार सिंह
- 6. भगवान के डाकिए – रामधारी सिंह ‘ दिनकर ‘
- 7. क्या निराश हुआ जाए – हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
- 8. यह सबसे कठिन समय नहीं – जय जादवानी
- 9. कबीर की साखियां – कबीर ( Kabir )
- 10. कामचोर – इस्मत चुगताई
- 11. जब सिनेमा ने बोलना सीखा – प्रदीप तिवारी
- 12. सुदामा चरित – नरोत्तमदास
- 13. जहां पहिया है – पी. साईनाथ (अनु.)
- 14. अकबरी लोटा – अनपूर्णानन्द वर्मा
- 15. सूरदास के पद – सूरदास
- 16. पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी
- 17. बाज और सांप – निर्मल वर्मा
- 18. टोपी – सृंजय