NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 – ध्वनि ( Dhvani ) – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ निराला ‘ ( Suryakant Tripathi Nirala )
Textbook | Hindi Class 8 Vasant (वसंत भाग 3) |
Chapter | 1 – Dhvani (ध्वनि) |
Author | Suryakant Tripathi Nirala (सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ निराला ‘) |
कविता में
1. कवि को ऐसा विश्वास क्यों हैं कि उसका अंत अभी नहीं होगा
उत्तर – कवि को ऐसा विश्वास इसलिए हैं कि अभी उसका अंत नहीं होगा क्योंकि उनका कहना है कि अभी वो अपने यौवन पर आया है, अभी उसे बहुत से कार्य करने है।उसका इन बातो से अपने साथ के जवान लोगो को जागृत करने से है।
2. फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि कौन – कौन सा प्रयास करता है?
उतर – फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि अपने ऊपर आये जवानी रूपी वसंत के हाथो से छूना चाहता हूं,अर्थात अपने ज्ञान से उन्हें सीचना चाहता है ताकि वो भी वसंत रूपी यौवन का आनंद ले सके, वे अपने आलस्य को त्याग कर अपने नए जीवन का आनंद ले सके।अपनी जिम्मेदारियों को समझ सके।
3. कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है
उत्तर – कवि पुष्पों की तुलना अपने साथ के लोगों के साथ करता है, उसका मानना है कि वो अपने साथ के लोगों को अपने कोमल हाथों के स्पर्श से जगाएगा। और उन्हें प्रेरित करेगा की वो अपनी नींद से जागे और एक जिम्मेदार नागरिक बने।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 – Dhvani – कविता में आगे
1. वसंत को ऋतुराज क्यों कहा जाता है? आपस में चर्चा कीजिए ।
उत्तर – सभी ऋतुओं का राजा होने की वजह से वसंत को ऋतुराज कहा जाता है। इस ऋतु में चारों तरफ हरियाली होती है। वृक्षों पर नये पत्ते आते है। खेतों में सरसों के पीले फूल खिलते है। इस ऋतु में वसंत पंचमी का त्यौहार लोग बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाते है।
2. वसंत ऋतु में आनेवाले त्योहारों के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए और किसी एक त्यौहार पर निबंध लीखिए ।
उत्तर – वसंत ऋतु में वसंत पंचमी, होली,और महाशिवरात्रि जैसे पर्व मनाए जाते हैं।
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी एक हिन्दू त्यौहार है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र धारण करती हैं। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा करते है। इस ऋतु में फूलों पर बहार आ जाती है, खेतों में सरसों चमकने लगती है। आमों के पेड़ों पर बोंर आ जाते है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से अज्ञानी में भी ज्ञान के दीप जल जाते हैं।
3. “ऋतु परिवर्तन। का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है” – इस कथन की पुष्टि आप किन – किन बातों से कर सकते है? लिखिए ।
उत्तर – “ ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि सर्दी,गर्मी,बरसात,पतझड़,वसंत हर ऋतु में अलग जैसा अनुभव होता है। जो लोग पहाड़ी इलाकों में रहते है उन्हें बारिश और ठंड का ज़्यादा सामना करना पड़ता है तो उनका खान – पान उस हिसाब का होता है कि उनका शरीर गर्म रहे, दूसरी तरफ गर्म देश के लोगों का रहन -सहन अलग होता है।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 1 – Dhvani – भाषा की बात
‘हरे – हरे’, ‘ पुष्प – पुष्प ‘ में एक शब्द कि एक ही अर्थ में पुनरावृति हुई है। कविता के हरे – हरे ये पात ‘ वाक्यांश में हरे – हरे ‘ शब्द युग्म पत्तों के लिए विशेषण के रूप में प्रयुक्त हुए हैं । यहां ‘पात ‘ शब्द बहुवचन में प्रयुक्त है । ऐसा प्रयोग भी होता है। जब कर्ता या विशेषया एक वचन में हो और कर्म या क्रिया या विशेषण बहुवचन में ; जैसे – वह लंबी -चौड़ी बाते करने लगा । कविता में एक ही शब्द का एक से अधिक अर्थों में भी प्रयोग होता है – “ तीन बेर खाती ते वे तीन बेर खाती है। “ जो तीन बार खाती थी वह तीन बेर खाने लगी है । एक शब्द ‘ बेर ‘ का दो अर्थों में प्रयोग करने से वाक्य में चमत्कार आ गया । इसे यमक अलंकार कहा जाता है । कभी – कभी उच्चारण की समानता से शब्दों की पुनरावृति का आभास बन होता है जबकि दोनों दो प्रकार के शब्द होते है; जैसे – मन का/ मनका ।
ऐसे वाक्यों को एकत्र कीजिए जिनमें एक ही शब्द की पुनरावृत्ति हो । ऐसे प्रयोगों को ध्यान से देखिए और निम्नलिखित पुनरावृत्त शब्दों का वाक्यं में प्रयोग कीजिए – बातों – बातो में, रह – रहकर, लाल – लाल, सुबह – सुबह, रातों – रात, घड़ी-घड़ी ।
उतर – 1. बातों – बातों में – “ उससे बातों – बातों में झगडा हो गया । “
2. रह – रहकर – मुझे रह – रहकर अपने पुराने स्कूल के दोस्त याद आते है।
3. लाल – लाल – राम ने सुनीता की तारीफ करी, उसके गाल शर्म से लाल – लाल हो गए ।
4.सुबह – सुबह – हमें सुबह – सुबह भगवान के भजन सुनने चाहिए।
5.रातों – रात – उसकी मेहनत से रातों – रात उसका भाग्य चमक गया।
6. घड़ी – घड़ी – मेरी टीचर घड़ी – घड़ी डाटती रहती है।
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant
- 1. ध्वनि – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘ निराला ‘
- 2. लाख की चूड़ियां – कामतानाथ
- 3. बस की यात्रा – हरिशंकर परसाई
- 4. दीवानों की हस्ती – भगवतीचरण वर्मा
- 5. चिठियों की अनूठी दुनिया – अरविन्द कुमार सिंह
- 6. भगवान के डाकिए – रामधारी सिंह ‘ दिनकर ‘
- 7. क्या निराश हुआ जाए – हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
- 8. यह सबसे कठिन समय नहीं – जय जादवानी
- 9. कबीर की साखियां – कबीर ( Kabir )
- 10. कामचोर – इस्मत चुगताई
- 11. जब सिनेमा ने बोलना सीखा – प्रदीप तिवारी
- 12. सुदामा चरित – नरोत्तमदास
- 13. जहां पहिया है – पी. साईनाथ (अनु.)
- 14. अकबरी लोटा – अनपूर्णानन्द वर्मा
- 15. सूरदास के पद – सूरदास
- 16. पानी की कहानी – रामचंद्र तिवारी
- 17. बाज और सांप – निर्मल वर्मा
- 18. टोपी – सृंजय