अव्यय ( Avyay in Hindi)
अव्यय ( Avyay in Hindi ) : लिंग वचन, कारक, पुरुष, काल, वाच्य आदि के कारण जिन शब्दों का रूप नहीं बदलता, उन्हें अव्यय कहते हैं।
जैसे-
राम वहां बिल्कुल नहीं जाएगा।
ममता वहां बिल्कुल नहीं जाएगी।
वे लड़के वहां बिल्कुल नहीं जाएंगे।
अव्यय के भेद ( Avyay ke bhed in Hindi )
- क्रिया विशेषण
- संबंधबोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
क्रिया विशेषण
– पिताजी अचानक आ गए
– वर्षा दिनभर होती रही ।
– खाना कम खाओ।
क्रियाविशेषण के भेद
- स्थानवाचक क्रिया विशेषण
- कालवाचक क्रिया विशेषण
- रीतिवाचक क्रिया विशेषण
- परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
स्थानवाचक क्रिया विशेषण
जिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया के होने के स्थान का पता चलता है, उसे ‘स्थानवाचक क्रिया विशेषण’ कहते हैं।
जैसे – बुआ जी ऊपर रहती है ।
डॉक्टर इस ओर गया।
कालवाचक क्रिया विशेषण
जिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया के समय का पता चलता है, उसे ‘कालवाचक क्रिया विशेषण’ कहते हैं।
जैसे – नई दिल्ली स्टेशन से गाड़ी प्रातः चलेगी।
राधा दिन भर पढ़ती है।
रीतिवाचक क्रिया विशेषण
जिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया के होने का ढंग या रीति का पता चलता है, उसे ‘रीतिवाचक क्रिया विशेषण’ कहते हैं।
जैसे- कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
नीतू चुपके- चुपके रोती है।
परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
जिस क्रिया विशेषण शब्द से क्रिया की मात्रा और परिमाण का पता चलता है, उसे परिमाणवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे- नीतू बहुत कम बोलती है।
चाय में चीनी कम डालें।
संबंधबोधक
मनीषा के पीछे सुधा खड़ी है।
विद्यालय के चारों ओर पेड़ हैं।
– ऐसे अव्यय शब्द जो संज्ञा और सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ प्रकट करते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं।
संबंधबोधक अव्यय के भेद
- अर्थ के आधार पर
- प्रयोग के आधार पर
अर्थ के अनुसार संबंधबोधक के भेद-
स्थानवाचक- के ऊपर, के सामने, के आगे।
कालवाचक – के पहले, के बाद, के पूर्व, के उपरांत, के पश्चात।
दिशावाचक- की ओर, की तरफ।
साधनवाचक- के द्वारा, के सहारे, के बल पर।
विरोधसूचक- के प्रतिकूल, के विरुद्ध, के उल्टा।
समतासूचक- के अनुसार, के सामने, के तुल्य, की तरह, के सदृश।
हेतुवाचक- के अतिरिक्त, के सिवा, के सहित ।
सहचसूचक- के समेत, के साथ, के संग।
विषयवाचक- के विषय में, की बाबत।
संग्रहवाचक- के समेत, तक, भर।
प्रयोग के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के भेद-
- विभक्ति युक्त संबंधबोधक
- विभक्ति रहित संबंधबोधक
विभक्ति युक्त संबंधबोधक-
जैसे- मैं इतनी दूर से अपने भाई के लिए आया हूं।
विभक्ति रहित संबंधबोधक-
जैसे- महाराणा प्रताप अपनी अंतिम सांस तक देश के लिए संघर्ष करते रहे।
संबंधबोधक अव्यय और क्रिया विशेषण में अंतर-
- क्रियाविशेषण शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं।
- क्रियाविशेषण शब्द क्रिया से पहले आते हैं।
- संबंधबोधक शब्द संज्ञा या सर्वनाम के बाद आते हैं।
- संबंधबोधक शब्द संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से प्रकट करते हैं।
नीतू बाहर बैठी हुई है (क्रिया विशेषण)
विद्यालय के बाहर वृक्ष लगाए जा रहे हैं। (संबंधबोधक)
समुच्चयबोधक अव्यय
जो शब्द दो शब्दों, वाक्य के अंशों अथवा उपवाक्य को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक कहते हैं। इन्हें योजक भी कहा जाता है।
जैसे- वेदांत और आयुष सहपाठी है।
– तुम्हें सफेद फूल चाहिए या लाल ?
– रचना पड़ रही है किंतु राधा खेल रही।
1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक
जिन समुच्चयबोधक शब्दों द्वारा दो समान शब्दों, वाक्य के अंशों और वाक्यों को जोड़ा जाता है, उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं।
जैसे- राधा और रेखा सगी बहनें हैं।
आप कविता या कहानी सुनाइए।
2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक
किसी वाक्य के प्रधान और आश्रित उपवाक्यों को जोड़ने वाले शब्दों को ‘व्यधिकरण समुच्चयबोधक’ कहते हैं।
जैसे- समय पर खाना खाया करो, ताकि स्वास्थ्य खराब ना हो।
रचना विद्यालय नहीं गई क्योंकि वह बीमार है।
समानाधिकरण समुच्चयबोधक के भेद-
- संयोजक
- विभाजक
- विरोध सूचक
- परिणाम सूचक
1. संयोजक – और एवं, तथा आदि।
उदाहरण- राम और सीता घर घर पूजे जाते हैं।
2. विभाजक – या, अथवा, अन्यथा आदि।
उदाहरण- श्रीमती अनुराधा अथवा श्री विवेक गणित पढ़ाएंगे।
3. विरोध सूचक – बल्कि, किंतु, परंतु, लेकिन, मगर आदि।
उदाहरण- राम ने बहुत कोशिश की परंतु सफल ना हो सका।
4. परिणाम सूचक – अतः, इसलिए, फलत: अतएव, परिणाम स्वरुप आदि।
उदाहरण- सीमा आ गई थी इसलिए मैं आपके पास न आ सकी।
व्यधिकरण समुच्चयबोधक के भेद-
- कारण सूचक
- संकेत सूचक
- उद्देश्य सूचक
- स्वरूप सूचक
1. कारण सूचक – ताकि, क्योंकि, कि, चूँकि,. इसलिए आदि।
जैसे- रूबी एक अच्छी लड़की है, इसीलिए वह मेरी अच्छी मित्र है।
2. संकेत सूचक – यद्यपि, तथापि, जो- तो, यदि- तो।
जैसे- यद्यपि रूबी एक अच्छी लड़की है तथापि वह मेरी दोस्त नहीं है।
3. उद्देश्य सूचक – ताकि, जिससे, कि,. इसलिए,कि आदि।
जैसे- खूब मन लगाकर पढ़ाई करो ताकि कक्षा में प्रथम आ सको।
4. स्वरूप सूचक – अर्थात, मानो,कि, यानी आदि।
जैसे- लंबोदर अर्थात लंबा है उदर- जिसका
विस्मयादिबोधक अव्यय
इन शब्दों के द्वारा विस्मय, भय, हर्ष, क्रोध आदि भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।
जैसे- दीर्घायु हो! जय हो!
शाबाश! तुम्हें बधाई हो।
बाप रे बाप! इतना बड़ा सांप!
विस्मयादिबोधक के भेद
विस्मयादिबोधक शब्द निम्नलिखित होते हैं :-
शोक बोधक – हाय, हाय-हाय, हाय राम, हे राम, आह, ओह, उफ़, तौबा-तौबा आदि।
विस्मय बोधक – अरे, ओह, ऐं, हैं, क्या, सच आदि।
भयबोधक – बाप रे, बाप रे बाप आदि।
घृणा बोधक – धत्, धिक्, ओफ़, छी:, छी:-छी:, थू, आदि।
हर्ष बोधक – वाह, शाबाश, अहा, धन्य आदि।
संबंधबोधक – अरे, हे, हो, अरी, अजी, ए जी, ओजी, ओ, आदि।
स्वीकार बोधक – ठीक, अच्छा, हाँ, आदि।
आशीर्वाद बोधक – जियो, जुग- जुग जियो, जीते रहो, यशस्वी भव, सुखी रहो, दीर्घायु भव, जय हो आदि।
वाक्य में प्रयोग
जैसे- हाय! बेचारे का हाथ टूट गया।
छि: ! चारों ओर कूड़ा बिखरा पड़ा है। ( घृणाबोधक)
निपात
किसी पद पर बल देने वाले अव्यय निपात कहलाते हैं ।
जैसे- ही, भी, तो,तक केवल, मात्र, भर आदि निपात है।
जैसे- केवल= आप मुझे केवल दस रुपये दे दों।
तक- रोहित को बीस तक गिनना आ गया।
FAQs on Avyay in Hindi
प्र.1. क्रियाविशेषण किसे कहते हैं ?
उत्तर = क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द क्रियाविशेषण कहलाते है |
प्र.2. अव्यय के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर = पाँच भेद
प्र.3. सीमा मन – ही – मन हँसती है | उक्त वाक्य में क्रियाविशेषण का कौनसा भेद है ?
उत्तर = रीतिवाचक क्रियाविशेषण
प्र.4. राधा बहुत कम बोलती है | उक्त वाक्य में क्रियाविशेषण का कौनसा भेद हैं ?
उत्तर = परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
प्र.5. मोहन और श्याम पढ़ रहे हैं | उक्त वाक्य में अव्यय का कौनसा भेद हैं ?
उत्तर = समुच्चयबोधक अव्यय
प्र.6. राम का घर विद्यालय के निकट ही है | उक्त वाक्य में रेखांकित शब्द संबंधबोधक अव्यय का कौनसा भेद है ?
उत्तर = दिशावाचक
प्र.7. अरे ! आप आ गए | उक्त वाक्य में अव्यय का कौनसा भेद है ?
उत्तर = विस्मयादिबोधक अव्यय
प्र.8. बुआ जी अंदर बैठी है | उक्त वाक्य में क्रियाविशेषण का कौनसा भेद हैं ?
उत्तर = स्थानवाचक क्रियाविशेषण