Karak in Hindi – कारक किसे कहते हैं ? – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं।
तरुण फोन किया।
नरेंद्र श्रवण को बुलाया।
बंदर पेड़ उतरा।
पानी मछली है।
तरुण ने फोन किया।
नरेंद्र ने श्रवण को बुलाया।
बंदर पेड़ से उतरा।
पानी में मछली है।
कारक के प्रकार (Karak ke Prakar in Hindi) – कारक के कितने भेद होते हैं ?
हिंदी में कारक आठ प्रकार (भेद) होते हैं –
1.कर्ता
2. कर्म
3. करण
4. संप्रदान
5. अपादान
6. संबंध
7. अधिकरण
8. संबोधन
अधिकरण- में , पर – राधा अभी घर पर मिलेगी।
संबोधन- अरे,ओ,रे- अरी संभल कर चल।
कर्ता कारक किसे कहते हैं (ने)
कर्ता का अर्थ है- ‘करने वाला’ । संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से किरिया करने वाले का पता चलता है, उसे कर्ता कारक कहते हैं।
कर्ता कारक के उदाहरण
राम पढ़ता है।
पुजारी ने पूजा की।
बच्चा रोता है।
रेखा ने सब्जी काटी।।
नोट- ‘ने’ परसर्ग( विभक्ति) का प्रयोग भूतकाल में सकर्मक क्रियाओं के साथ होता है ।
जैसे- बच्चे ने खाना खा लिया।
कर्म कारक किसे कहते हैं (को)
वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द पर क्रिया का फल पड़ता है, वह कर्म कारक कहलाता है।
कर्म कारक के उदाहरण
जैसे- राधा रेखा को समझाती है।
नीलम ने चादर को झाड़ा।
नोट- कर्म कारक को पहचानने के लिए क्रिया में क्या और किसको लगाकर प्रश्न बना लेना चाहिए, जो उत्तर मिलेगा वही कर्म होगा।
जैसे- राम ने मोहन को कमीज़ दी।
प्रश्न – किसको दी?
उत्तर- मोहन को (कर्म)
करण कारक किसे कहते हैं – (से, द्वारा)
करण कारक का अर्थ है – साधन
करण कारक – (से, द्वारा)
कर्ता जिस साधन या माध्यम से कार्य करता है, उस साधन या माध्यम को करण कारक कहते हैं ।
करण कारक के उदाहरण
जैसे- वैशाली ने पानी से पत्ते साफ किए।
करण कारक की विभक्ति से, द्वारा, के द्वारा, के साथ होती है।
जैसे – मैंने मोहन के द्वारा संदेश भेजा।
संप्रदान कारक किसे कहते हैं – (के लिए, को)
वाक्य में कर्ता जिसके लिए क्रिया करता है अथवा जिसको कुछ देता है, उसे संप्रदान कारक कहते हैं।
संप्रदान कारक के उदाहरण
जैसे – अतिथि वेदांत के लिए उपहार लाए।
संप्रदान कारक के विभक्ति चिन्ह के लिए और को हैं।
अपादान कारक किसे कहते हैं – से (अलग होना), तुलना
संज्ञा और सर्वनाम के जिस रुप से अलग होने और तुलना करने का पता चलता है, उसे अपादान कारक कहते हैं।
अपादान कारक के उदाहरण
जैसे – राकेश साइकिल से गिर गया।
ममता राधा से पतली है।
इसके अतिरिक्त डरने, लजाने और दूरी के लिए भी ‘से’ परसर्ग का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – मुझे छिपकली से डर लगता है।
बहू ससुर से लजाती है।
दिल्ली से देहरादून कितनी दूर है?
संबंध कारक किसे कहते हैं – का, के, की, आदि।
संज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध वाक्य के दूसरे संज्ञा शब्दों से प्रकट हो, उस रूप को संबंध कारक कहते हैं ।
संबंध कारक के उदाहरण
जैसे – राधा की बहन का आज जन्मदिन है।
अर्जुन का पुत्र पंकज है।
अधिकरण कारक किसे कहते हैं – में , पर
संज्ञा के जिस रुप से क्रिया के आधार, समय और स्थान आदि का पता चलता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
जैसे – बिल्ली छत पर बैठी है।
खीर में चीनी डालो।
संबोधन कारक किसे कहते हैं – अरे, रे, है, आदि – संबोधन कारक किसे कहते हैं ?
जिन संज्ञा शब्दों का प्रयोग संबोधन के रूप में बुलाने या पुकारने के लिए किया जाता है, उन्हें संबोधन कारक कहते हैं।
जैसे – हे भगवान! इस बच्चे की रक्षा करना।
कर्म कारक और संप्रदान कारक में अंतर
1. कर्म कारक में क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है
2. संप्रदान कारक में किसी के लिए कुछ करने या किसी को कुछ देने का काम होता है।
जैसे-
राधा ने राम को समझाया।( कर्म कारक)
राधा ने राम को पुस्तक दी। (संप्रदान कारक)
करण और अपादान कारक में अंतर
1.करण कारक साधन होता है जिसके द्वारा कार्य संपन्न होता है।
2.अपादान कारक से अलग होने और तुलना होने का पता चलता है।
जैसे-
नीलम ने कलम से पत्र लिखा। (करण कारक)
नीलम के हाथ से कलम गिरा। (अपादान कारक)
FAQs on Karak in Hindi
प्र.1. कारक किसे कहते हैं ?
उत्तर = संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से या क्रिया से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं |
प्र.2. कारक के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर = आठ भेद होते हैं |
प्र.3. ‘के लिए’ किस कारक का विभक्ति चिह्.न हैं |
उत्तर = संप्रदान कारक का
प्र.4. गंगा हिमालय से निकलती है | उक्त वाक्य में रेखांकित विभक्ति चिह्.न किस कारक का है ?
उत्तर = अपादान कारक
प्र.5. का, के, की किस कारक का विभक्ति चिह्.न हैं ?
उत्तर = संबंध कारक
प्र.6. वाक्य में कर्ता जिसके लिए कुछ देता है, या जिसके लिए क्रिया करता है उसे क्या कहते है ?
उत्तर = संप्रदान कारक
प्र.7. में, पर किस कारक के विभक्ति चिह्.न हैं ?
उत्तर = अधिकरण कारक
Hindi Vyakaran Class 7 Notes
- Chapter 1 – भाषा, लिपि और व्याकरण
- Chapter 2 – वर्ण विचार
- Chapter 3 – शब्द निर्माण – उपसर्ग, प्रत्यय
- Chapter 4 – कारक – कारक के भेद
- Chapter 5 – विशेषण – विशेषण के भेद
- Chapter 6 – शब्द विचार
- Chapter 7 – क्रिया ( सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया )
- Chapter 8 – सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
- Chapter 9 – लिंग – लिंग के भेद
- Chapter 10 – मुहावरे और लोकोक्तियां
- Chapter 11 – विराम- चिह्न
- Chapter 12 – वाच्य – वाच्य के भेद
- Chapter 13 – वचन – वचन के भेद
- Chapter 14 – संधि – संधि के भेद
- Chapter 15 – समास – समास के भेद
- Chapter 16 – काल – काल के भेद
- Chapter 17 – वर्तनी तथा वाक्य संबंधी अशुद्धि – शोधन
- Chapter 18 – अव्यय – अव्यय के भेद
- Chapter 19 – पद परिचय
- Chapter 20 – संज्ञा – संज्ञा के भेद
2 thoughts on “Karak in Hindi”
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