विराम चिन्ह ( Viram Chinh in Hindi ) – भाषा के लिखित रूप में विशेष स्थानों पर रुकने का संकेत करने वाले चिन्हों को विराम चिन्ह कहते हैं।
विराम का अर्थ है – रुकना या ठहरना
जैसे – उसे रोको मत, जाने दो।
उसे रोको, मत जाने दो।
Topics Covered in Viram Chinh in Hindi
विराम चिन्ह के भेद
पूर्ण विराम चिन्ह (।)
विस्मयादिबोधक अथवा प्रश्नवाचक वाक्यों के अतिरिक्त सभी वाक्यों के अंत में ‘पूर्ण विराम चिन्ह’ का प्रयोग होता है।
जैसे – विद्यालय खुल गया।
सूरज पूर्व दिशा से निकलता है।
अर्ध विराम चिन्ह (;)
पूर्ण विराम से कुछ कम, अल्पविराम से अधिक देर तक रुकने के लिए ‘अर्धविराम’ ( Aardh Viram Chinh ) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – मेहमान आ गए हैं; वह शीघ्र चले जाएंगे।
अल्प विराम चिह्न [,]
अर्धविराम से कुछ कम देर तक रुकने के लिए ‘अल्पविराम’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – रेखा, राधा, राहुल और मोहन को बुलाओ।
तरुण, इधर आकर बैठो।
प्रश्न सूचक चिन्ह [?]
प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में ‘प्रश्नसूचक चिन्ह’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – तुम्हारे पिताजी का नाम क्या है ?
तुम कहाँ रहते हो ?
विस्मय सूचक चिह्न [!]
विभिन्न भावों – आश्चर्य, हर्ष, शौक आदि को प्रकट करने तथा संबोधन के लिए ‘विस्मयसूचक चिन्ह’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – वाह ! कितना सुंदर चित्र है।
राम! इधर आना।
अहिंसा परम धर्म है “
योजक चिन्ह [-]
योजक चिन्ह का प्रयोग दो शब्दों को जोड़ने और तुलना करने के लिए किया जाता है।
जैसे – आज हम दाल–भात खाएंगे।
मैं दिन–रात अपने माता पिता की सेवा करता रहूंगा।
निर्देशक चिन्ह [_]
‘निर्देशक चिन्ह’ का प्रयोग कथन, उद्धरण और विवरण के लिए किया जाता है।
जैसे – श्री प्रताप ने कहा _ सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।
कोष्ठक चिन्ह [ {()} ]
कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग वाक्य के मध्य आए कठिन शब्दों के अर्थ लिखने अथवा नाटक आदि में निर्देश देने के लिए किया जाता है
जैसे – मनुष्य स्वभावत: जिज्ञासु (जानने की इच्छा रखनेवाला) होता है।
पिताजी (चिल्लाते हुए) ” निकल जाओ यहाँ से।”
हंसपद या त्रुटिपूरक चिन्ह [^]
जब लिखने में कोई अंश छूट जाता है, तो उसे लिखने के लिए ‘हंसपद या त्रुटिपूरक चिन्ह’ का प्रयोग करते हैं।
विवरण चिन्ह [:] [-]
किसी विषय अथवा बात को समझाने के लिए अथवा निर्देश के लिए ‘विवरण चिन्ह’ का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – संज्ञा के तीन मुख्य भेद होते हैं : –
व्यक्तिवाचक, जातिवाचक और भाववाचक
लाघव चिन्ह (०)
शब्दों को संक्षिप्त रूप में लिखने के लिए ‘लाघव चिन्ह’ का प्रयोग किया जाता है ।
जैसे – डॉक्टर – डॉ०
प्रोफेसर – प्रो०
FAQs on Viram Chinh in Hindi (विराम चिन्ह)
प्र.1. विराम चिह्.न किसे कहते हैं ?
उत्तर = अपने विचारों तथा भावों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग वाक्य के बीच में या अंत में किया जाता है उन्हें विराम चिन्ह कहा जाता है
प्र.2. किस चिह्.न का प्रयोग शब्दों के युग्म में अथवा शब्दों को दोहराने में किया जाता है ?
उत्तर = योजक या विभाजक चिह्.न
प्र.3. संवाद बोलने के बाद, वार्तालाप, व्याख्या करते समय या उदाहरण देते समय किस विराम चिह्.न का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर = निर्देशक चिह्.न (-)
प्र.4. (॰) यह कौनसा चिह्.न है ?
उत्तर = लाघव चिह्.न
प्र.5. लाघव चिह्.न का प्रयोग वाक्य में कब किया जाता हैं ?
उत्तर = जहाँ संपूर्ण शब्द न लिखकर मात्र उसका संक्षिप्त रूप ही लिखा जाए वहाँ लाघव चिह्.न का प्रयोग किया जाता है |
प्र.6. (:) इस चिह्.न का नाम बताइए –
उत्तर = उपविराम
प्र.7. कोष्ठक चिह्.न [{()}] का प्रयोग वाक्य में कब किया जाता है |
उत्तर = वाक्य के मध्य आए कठिन शब्दों के अर्थ लिखने अथवा नाटक आदि में निर्देश देने के लिए कोष्ठक चिह्.न का प्रयोग किया जाता है |
प्र.8. ‘राधा रेखा शैलू और भावना पिकनिक पर गए है’ उक्त वाक्य में विराम चिह्.न लगाकर वाक्य पुन: लिखिए |
उत्तर = राधा, रेखा, शैलू और भावना पिकनिक पर गए है |
Hindi Vyakaran Class 7 Notes
- Chapter 1 – भाषा, लिपि और व्याकरण
- Chapter 2 – वर्ण विचार
- Chapter 3 – शब्द निर्माण – उपसर्ग, प्रत्यय
- Chapter 4 – कारक – कारक के भेद
- Chapter 5 – विशेषण – विशेषण के भेद
- Chapter 6 – शब्द विचार
- Chapter 7 – क्रिया ( सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया )
- Chapter 8 – सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
- Chapter 9 – लिंग – लिंग के भेद
- Chapter 10 – मुहावरे और लोकोक्तियां
- Chapter 11 – विराम- चिह्न
- Chapter 12 – वाच्य – वाच्य के भेद
- Chapter 13 – वचन – वचन के भेद
- Chapter 14 – संधि – संधि के भेद
- Chapter 15 – समास – समास के भेद
- Chapter 16 – काल – काल के भेद
- Chapter 17 – वर्तनी तथा वाक्य संबंधी अशुद्धि – शोधन
- Chapter 18 – अव्यय – अव्यय के भेद
- Chapter 19 – पद परिचय
- Chapter 20 – संज्ञा – संज्ञा के भेद
4 thoughts on “Viram Chinh in Hindi”
Very helpful, thanku very much.
thanks was helpful
That’s great think its useful for us
Thanks it was really very helpful