NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 9

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 9 – Chidiya Ki Bacchi (चिड़िया की बच्ची)

Textbook Hindi Class 7 Vasant (वसंत भाग 2)
Chapter 9 – Chidiya Ki Bacchi (चिड़िया की बच्ची)
Author Jainendra kumar (जैनेंद्र कुमार)

कहानी से

1. किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था?

उत्तर:– माधवदास ने अपनी संगमरमर की नई कोठी बनवाई थी और उसके सामने रंग-बिरंगे फूल-पौधें, रकाबियों से हौज़ों में लगे फव्वारे, गलीचे, आदि लगवाकर बहुत ही सुहावना बगीचा लगवाया था। वह छोटी चिड़िया को बताता है कि वह शहर का सबसे धनी सेठ है, उसके पास सोने व मोतियों के ढेर है, बहुत सारी कोठियां है, बगीचों पर बगीचें हैं और अनगिनत दास-दासियां है। इन सभी बातों से पता चलता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था।

माधवदास ने चिड़िया को बताया कि मेरी संगमरमर की कोठी में कोई हंसता-चहकता नहीं है, वह सूनी पड़ी रहती है, उसका दिल भी वीरान है, जहां कभी हंसी सुनने को नहीं मिलती। माधवदास की इन बातों से पता चलता है कि वह सुखी नहीं था।

2. माधवदास क्यों बार-बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है? क्या माधवदास नि:स्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- माधवदास का बार-बार चिड़िया को यह कहना कि यह बगीचा तुम्हारा ही है, निस्वार्थ मन से नहीं था। उसके पास अपार धन-संपत्ति होते हुए भी उसका चित्त प्रसन्न नहीं था, उसकी कोठी वीरान पड़ी थी और वहां कोई हंसता-गाता नहीं था। उस भोली चिड़िया को देखकर उसका मन प्रफुल्लित हो उठा था। इसी कारण वह उस चिड़िया को अपने पास, अपना मन बहलाने के लिए रखना चाहता था।

3. माधवदास के बार-बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख-सुविधाओं को कोई महत्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ माधवदास की नज़र में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या-क्या थे? अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:- माधवदास और चिड़िया के मनोभावों में मुख्य अंतर भावनाओं का था। जहां माधवदास भौतिक सुख-सुविधाओं को ही महत्वपूर्ण समझ रहा था, वही चिड़िया के लिए आत्मिक सुख और भावनाएं अधिक महत्वपूर्ण थी। माधवदास चिड़िया को बार-बार सोना व हीरे-मोती देने का वादा करके लुभाने की कोशिश करता है; लेकिन नन्ही चिड़िया के लिए उसकी मां का प्यार और अपने भाई-बहन का साथ ही सब-कुछ था। उसके लिए सोने व हीरे-मोतियों का कोई मोल नहीं था।




4. कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

उत्तर:- कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर हमें बहुत खुशी मिली; क्योंकि अगर नन्ही चिड़िया पूरी तरह से सतर्क न होती, तो सेठ का नौकर उसे पकड़ने में कामयाब हो जाता और नन्ही चिड़िया को आजीवन पिंजरे में कैद रहना पड़ता। उसे अपने भाई-बहन और अपनी मां से दूर, माधवदास जैसे स्वार्थी सेठ के लिए मन बहलाने की वस्तु बनकर रहना पड़ता। इसके साथ-साथ हमें सेठ माधवदास पर भी बहुत अधिक क्रोध आया, क्योंकि उसने स्वयं अकेलापन महसूस करने के बावजूद भी किसी अन्य जीव को उसके घरवालों से दूर करने का प्रयास किया।

5. ‘मां मेरी बाट देखती होगी’- नन्ही चिड़िया बार-बार इस बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में मां का क्या महत्व है?

उत्तर:- हमारी संस्कृति में मां को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है, क्योंकि एक व्यक्ति से उसकी मां से अधिक प्रेम कोई और नहीं कर सकता। मां इतना दर्द सहकर बच्चे को जन्म देती है, सारे कष्ट खुद सहकर अपने बच्चों का भरण-पोषण करती है व अपने बच्चों हो दुनिया की हर बुरी नजर से बचाती है। एक मां अपने बच्चे के लिए पूरी दुनिया से लड़ सकती है और समय आने पर अपने प्राण भी देने को तत्पर रहती है। एक बच्चे के लिए, उसकी मां, उसके जीवन का पहला अध्यापक होती है। इसके साथ-साथ मां एक अच्छे दोस्त का फर्ज़ भी निभाती है।

6. इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों?

उत्तर:- हम इस कहानी का शीर्षक ‘असली सुख’ देना चाहेंगे; क्योंकि प्रस्तुत कहानी में जीवन के असली सुख वर्णन किया गया है। कहानी के अनुसार मनुष्य व्यर्थ ही धन-दौलत और भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे भागते हुए अपना जीवन निकाल देता है; जबकि असली सुख तो प्रेम, आत्मीय-रिश्तों, भावनाओं, आदि में ही मिलता है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 9 – Chidiya Ki Bacchi – कहानी से आगे

1. इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोसलें तक पहुंच जाती है। मधुमक्खियों, चीटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीज़ों में हमें एक अनुशासनबध्दता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहां-कहां देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए।

उत्तर:- इस तरह का अनुशासन हमें कई जगह देखने को मिलता है। यह अनुशासन भी प्रकृति का एक नियम ही है। यहां तक कि हमारा रोज सुबह उठना, रात में सोना, हर वर्ष उसी क्रम से विभिन्न ऋतुओं का आना, दिन में सूरज का आना, संध्या होते ही सूर्य का अस्त होना, रात्रि में चांद-तारों का आना व सुबह होते ही उनका चले जाना- ये सभी प्राकृतिक अनुशासन के उदाहरण हैं।

2. सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएं देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा- ‘स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें-

(क). क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखनेवाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर सकता।

(ख). क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता।

(ग). क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता।

उत्तर:- मुझे स्वाधीनता, प्रलोभनोंवाली पराधीनता से कई अधिक प्रिय होगी; क्योंकि भौतिक सुख-सुविधाएं कुछ ही समय आनंद देती है और उसके बाद उन की झूठी शानो-शौकत व चमक खत्म हो जाती है।

पराधीन व्यक्ति सुख के स्वप्न भी नहीं देख पाता क्योंकि उन्हीं कार्यों से मिलता है जो हमारा मन करना चाहता है लेकिन एक पराधीन व्यक्ति को हमेशा दूसरों की आज्ञा का पालन करना पड़ता है और अपने मन की इच्छा और सपनों को दबाना पड़ता है। उसने कभी देखा ही नहीं होता, इसीलिए ऐसा कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 9 – Chidiya Ki Bacchi – अनुमान और कल्पना

1. आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी- इन तीनों में ही मांएं अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती हैं। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:- मां का एहसास और प्यार प्रकृति की एक अद्भुत देन है।  एक मां अपने बच्चे से निस्वार्थ प्रेम करती है। स्वयं कष्ट सहकर भी वह अपने बच्चे को हर बुरी नज़र से बचाती है। जीवनभर उसके सामने ढाल बनकर खड़ी रहती है। अपने बच्चे की खुशी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर रहती है। यह सब एक अद्भुत चमत्कार जैसा है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 9 – Chidiya Ki Bacchi – भाषा की बात

1. पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग में हैं-

(क). गुलाब यह डाली पर एक चिड़िया आन बैठी।
(ख). कभी पर हिलाती थी।
(ग). पर बच्ची का कांप-कांपकर मां की छाती से और चिपक गई।

  • तीनों ‘पर’ के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए हैं। इन वाक्यों का आधार लेकर आप भी ‘पर’ का प्रयोग कर ऐसे तीन वाक्य बनाइए जिनमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए ‘पर’ के प्रयोग हुए हों।

उत्तर:-

  • चौकीदार ने आकर छज्जे पर बैठे कबूतरों को उड़ा दिया।
  • मैंने बहुत कोशिश की, पर फिर भी मैं उससे मिल न सका।
  • चिड़िया के बच्चे अपने छोटे-छोटे पर हिलाकर उड़ने की कोशिश कर रहे थे।

2. पाठ में तैने, छनभर, खुश करियो- तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ी बोली हिंदी के वर्तमान रूप में तूने, क्षणभर, खुश करना लिखे-बोले जाते हैं लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं-कहीं इनके प्रयोग होते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज कीजिए।

उत्तर:-  रहियो- रहना, जाइयो- जाना, अंखियों- आंखों।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant

  1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के – शिवमंगल सिंह सुमन
  2. दादी मां – शिवप्रसाद सिंह
  3. हिमालय की बेटियां – नागार्जुन
  4. कठपुतली – भवानी प्रसाद मिश्र
  5. मिठाईवाला – भगवती प्रसाद वाजपेयी
  6. रक्त और हमारा शरीर – यतीश अग्रवाल
  7. पापा खो गए – विजय तेंदुलकर
  8. शाम एक किसान – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
  9. चिड़िया की बच्ची – जैनेंद्र कुमार
  10. अपूर्व अनुभव – तेत्सुको कुरियानागी
  11. रहीम के दोहे – रहीम
  12. कंचा – टी. पद्मनाभन
  13. एक तिनका – अयोध्या सिंह उपाध्याय
  14. खान पान की बदलती तस्वीर – प्रयाग शुक्ल
  15. नीलकंठ – महादेवी वर्मा
  16. भोर और बरखा – मीरा बाई
  17. वीर कुंवर सिंह – विभागीय
  18. संघर्ष के कारण में तुनकमिजाज हो गया : धनराज – विनीता पांडेय
  19. आश्रम का अनुमानित व्यय – मोहनदास करमचंद गांधी
  20. विप्लव-गायन – बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ 

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