NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 – Viplav Gayan (विप्लव-गायन)

Textbook Hindi Class 7 Vasant (वसंत भाग 2)
Chapter 20 – Viplav Gayan (विप्लव-गायन)
Author Bal Krishna Sharma ‘Naveen’ (बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’)

कविता से

1. ‘कण-कण में है व्याप्त वहीं स्वर…….कालकूट फणि की चिंतामणि।’

(क). ‘वहीं स्वर’, ‘वह ध्वनि’ एवं ‘वहीं तान’, आदि वाक्यांश किसके लिए/किस भाव के लिए प्रयुक्त हुए हैं?
(ख). वहीं स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/ निकली मेरे अंतरतर से’- पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?

उत्तर:-

(क). प्रस्तुत कविता में ‘वहीं स्वर’, ‘वह ध्वनि’ एवं ‘वहीं तान’, आदि वाक्यांश क्रांतिकारी, बगावत और विद्रोह की भावना के लिए प्रयुक्त हुए हैं।

(ख). वहीं स्वर, वह ध्वनि एवं वही तान से संबंधित विद्रोह कविता की इन पंक्तियों- ‘रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/ निकली मेरे अंतरतर से’- से इसलिए संबंधित है क्योंकि कवि का यह विप्लव गायन समाज में ऐसे हालात उत्पन्न कर देगा जिससे महाविनाश का गला रुंध जाएगा और मृत्यु का गीत समाप्त हो जाएगा। समाज में जब भी एक अच्छे बदलाव की क्रांति के लिए आवाजें उठती है, तब हमारे समाज का बुरा पक्ष उन आवाजों को दबाने के प्रयास करता और इसी को कवि ने अपने गीत का रुद्ध होना बताया है। लेकिन अच्छाई और बदलाव की क्रांति के लिए उठी आवाज को ज़्यादा समय तक नहीं दबाया जा सकता और कवि के मन में वर्तमान स्थिति के प्रति रोष व उसमें बदलाव लाने की ज्वाला इस कदर भड़की हुई है कि वे पुनः अपने गीत के गायन को दोगुनी तेज़ी से प्रारंभ करेंगे और परिणामस्वरूप समाज से सभी बुराइयों का अंत होकर एक नए संसार का निर्माण होगा।

2. नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-

‘सावधान! मेरी वीणा में…………दोनों मेरी ऐंठी हैं।’

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि दूसरों का शोषण करने वाले अत्याचारी लोगों को सचेत करते हुए कहते हैं कि सावधान हो जाओ, क्योंकि अब मेरी वीणा से मन को लुभाने वाले गीत नहीं निकल रहे, बल्कि पूरे विश्व में एक क्रांति की ज्वाला प्रज्वलित करने वाले बगावत-भरे गीत निकल रहे हैं। उनके इस गीत से क्रांति की चिनगारियां उत्पन्न हो रही है, जो संपूर्ण विश्व में हाहाकार मचा देंगे। निरंतर वीणा बजाने और इस गीत के गायन से उनकी अंगुलियां दर्द के कारण ऐंठ गई है, लेकिन वे अपने इस गीत में विराम नहीं आने देना चाहते; क्योंकि वे इस गीत का गायन एक नए विश्व के निर्माण हेतु व राष्ट्रहित हेतु कर रहे हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 – Viplav Gayan – कविता से आगे

  • स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता की मुखर करनेवाली ओजपूर्ण कविताएं लिखी। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियां इकट्ठा कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं।

उत्तर:-

  • माखनलाल चतुर्वेदी की कविता :

मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक!
मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,
जिस पथ पर जावें वीर अनेक!

  • मैथिलीशरण गुप्त की कविता :

अंगरेज राज सुख साज सजे सब भारी।
पै धन विदेश चलि जात इहै अति ख्वाऱी।।
सबके ऊपर टिक्कस की आफत आई।
हा ! हा ! भारत दुर्दशा देखी ना जाई।।

  • सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की कविता :

भारति, जय, विजयकरे !
कनक-शस्य-कमलधरे !
लंका पदतल शतदल
गर्जितोर्मि सागर-जल,
धोता-शुचि चरण युगल
स्तव कर बहु-अर्थ-भरे ।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 – Viplav Gayan – अनुमान और कल्पना

  • कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इसका शीर्षक ‘विप्लव-गायन’ क्यों रखा गया होगा?

उत्तर:- प्रस्तुत कविता का शीर्षक ‘विप्लव गायन’ इसलिए रखा गया होगा क्योंकि यह समस्त संसार में क्रांति लाने वाला गीत है। कवि इसके माध्यम से बगावत की एक क्रांति लाना चाहते हैं और यह गीत गाकर वे सभी लोगों के दिलों में विद्रोह की भावना जगाना चाहते हैं।




NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 – Viplav Gayan – भाषा की बात

1. कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे- ‘जिससे उथल-पुथल मच जाए’ एवं ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर’। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?

उत्तर:- कविता में योजक चिह्न(-) का प्रयोग करके कई जगह शब्दों की पुनरुक्ति की गई है। शब्दों की पुनरुक्ति कविता में लयबद्धता बनाए रखने और चमत्कारिता उत्पन्न करने के लिए की जाती है। इससे कविता अधिक प्रभावशाली बन जाती है और पाठक के मन-मस्तिष्क पर उसका अधिक प्रभाव पड़ता है।

2. कविता में (,-। आदि) विराम चिन्हों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया गया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिन्हों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गद्य में आमतौर पर है शब्द का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे- देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को देखिए-

‘कण-कण में व्याप्त……..वही तान गाती रहती है’,

इन पंक्तियों में है शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगहों पर किया गया है। कविता में अगर आपको ऐसे अन्य प्रयोग मिलें, तो उन्हें छांटकर लिखिए।

उत्तर:- प्रस्तुत कविता में ‘है’ का प्रयोग निम्नलिखित जगहों पर किया है-

  • चिनगारियां आन बैठी है
  • टूटी हैं मिज़राबें, अंगुलियां
  • दोनों मेरी ऐंठी है
  • कंठ रुका है महानाश का
  • कण-कण में है व्याप्त वही स्वर
  • रोम-रोम गाता है वह ध्वनि
  • वही तान गाती रहती है

3. निम्न पंक्तियों को ध्यान से देखिए-

‘कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ…एक हिलोर उधर से आए’,

इन पंक्तियों के अंत में आए, जाए जैसे तुक मिलनेवाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे तुकबंदी या अंत्यानुप्रास कहते हैं। कविता से तुकबंदी के अन्य शब्दों को छांटकर लिखिए। छांटे गए शब्दों से अपनी कविता बनाने की कोशिश कीजिए।

उत्तर:- कविता में आए तुकबंदी के अन्य शब्दों-

  • फणि : चिंतामणि
  • बैठी है : ऐंठी है
  • रुध्द : क्रुद्ध
  • इधर : उधर

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant

  1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के – शिवमंगल सिंह सुमन
  2. दादी मां – शिवप्रसाद सिंह
  3. हिमालय की बेटियां – नागार्जुन
  4. कठपुतली – भवानी प्रसाद मिश्र
  5. मिठाईवाला – भगवती प्रसाद वाजपेयी
  6. रक्त और हमारा शरीर – यतीश अग्रवाल
  7. पापा खो गए – विजय तेंदुलकर
  8. शाम एक किसान – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
  9. चिड़िया की बच्ची – जैनेंद्र कुमार
  10. अपूर्व अनुभव – तेत्सुको कुरियानागी
  11. रहीम के दोहे – रहीम
  12. कंचा – टी. पद्मनाभन
  13. एक तिनका – अयोध्या सिंह उपाध्याय
  14. खान पान की बदलती तस्वीर – प्रयाग शुक्ल
  15. नीलकंठ – महादेवी वर्मा
  16. भोर और बरखा – मीरा बाई
  17. वीर कुंवर सिंह – विभागीय
  18. संघर्ष के कारण में तुनकमिजाज हो गया : धनराज – विनीता पांडेय
  19. आश्रम का अनुमानित व्यय – मोहनदास करमचंद गांधी
  20. विप्लव-गायन – बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ 

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