NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 10 – Apurv Anubhav (अपूर्व अनुभव)
Textbook | Hindi Class 7 Vasant (वसंत भाग 2) |
Chapter | 10 – Apurv Anubhav (अपूर्व अनुभव) |
Author | Tetsuko Kurianagi (तेत्सुको कुरियानागी) |
पाठ से
1. यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान ने अथक प्रयास क्यों किया? लिखिए।
उत्तर:- तोमोए में हर एक बच्चा बाग के एक-एक पेड़ को अपने खुद के चढ़ने का पेड़ मानता था। यासुकी-चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ आता था और न ही किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानता था। लेकिन वह भी सभी आम बच्चों की तरह पेड़ पर चढ़ना चाहता था और वहां से बगीचे का खूबसूरत नजारा देखना चाहता था। अतः तोत्तो-चान ने उसे अपनी पेड़ पर आमंत्रित किया था, ताकि वह उसकी यह ख्वाहिश पूरी कर सके।
2. दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान और यासुकी-चान को अपूर्व अनुभव मिला, इन दोनों के अपूर्व अनुभव कुछ अलग-अलग थे। दोनों में क्या अंतर रहे? लिखिए।
उत्तर:- दृढ़ निश्चय और अथक परिश्रम से सफलता पाने के बाद तोत्तो-चान को आत्म-संतुष्टि मिली, क्योंकि उसने पोलियो से ग्रसित अपने मित्र को उसकी कमजोरी पर जीत हासिल करने में मदद करके उसे खुश किया था। उसके लिए पेड़ पर चढ़ना एक आम बात थी, लेकिन उसने यासू़की जान को पेड़ पर चढ़ाकर उसकी ख्वाहिश पूरी की थी, जो उसे बहुत आनंदित कर रहा था। वहीं यासुकी-चान का अपूर्व अनुभव इससे परे कुछ और था। वह जीवन में पहली बार पेड़ पर चढ़ पाया था और वहां का खूबसूरत नजारा देखकर उसका मन प्रफुल्लित हो उठा। यह उसके लिए एक सपना सच हो जाने जैसा था।
3. पाठ में खोजकर देखिए- कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आप के अनुसार इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
उत्तर:- सूरज का ताप उन पर तब पड़ रहा था, जब यासुकी-चान एक तिपाई-सीढ़ी की मदद से पेड़ की एक द्विशाखा पर चढ़ने के लिए पूरी शक्ति के साथ जूझ रहा था और तोत्तो-चान पूरा जोर लगाकर उसकी मदद कर रही थी। पसीने से तरबतर उन दोनों का ध्यान अपने काम में पूरी तरह रमा हुआ था; तब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने का प्रयास कर रहा था। शायद इस परिस्थिति के बदलने का कारण यह था कि प्रकृति भी उन दोनों बच्चों की कड़ी मेहनत देखकर उनकी मदद करना चाह रही थी और उनको उनकी मंजिल प्राप्त करने में पूरा सहयोग दे रही थी।
4. ‘यासुकी-चान के लिए पेड़ पर चढ़ने का यह………अंतिम मौका था।’ इस अधूरे वाक्य को पूरा कीजिए और लिखकर बताइए कि लेखिका ने ऐसा क्यों लिखा होगा?
उत्तर:- लेखिका ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि यासुकी-चान पोलियो से ग्रसित होने के कारण पहले कभी पेड़ पर नहीं चढ़ पाया था, वो दोनों अपने-अपने माता-पिता से झूठ बोलकर इतना बड़ा जोखिम उठा रहे थे और अगर वे उसमें सफल नहीं हो पाते तो, यकीनन यासुकी-चान की पेड़ पर चढ़ने की इच्छा अधूरी रह जाती। तोत्तो-चान के अलावा ऐसा कोई नहीं था, जो यासुकी-चान की इस ख्वाहिश को समझता था और उसके जीवन में इसका महत्व समझता था।
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 10 – Apurv Anubhav – पाठ से आगे
1. तोत्तो-चान ने अपनी योजना को बड़ों से इसलिए छिपा लिया कि उसमें जोखिम था, यासुकी-चान के गिर जाने की संभावना थी। फिर भी उसके मन में यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने की दृढ़ इच्छा थी। ऐसी दृढ़ इच्छाएं बुद्धि और कठोर परिश्रम से अवश्य पूरी हो जाती है। आप किस तरह की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं?
उत्तर:- हम ऐसे काम की सफलता के लिए तीव्र इच्छा और बुद्धि का उपयोग कर कठोर परिश्रम करना चाहते हैं जिससे सभी जीव-जंतुओं की भलाई हो सके और हमारे समाज से कुरीतियां खत्म हो सके। दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी देना ही हमारा असली उद्देश्य है।
2. हम अकसर बहादुरी के बड़े-बड़े कारनामों के बारे में सुनते रहते हैं, लेकिन ‘अपूर्व अनुभव’, कहानी एक मामूली बहादुरी और जोखिम की ओर हमारा ध्यान खींचती है। यदि आपको अपने आसपास के संसार में कोई रोमांचकारी अनुभव प्राप्त करना हो तो कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर:- तोत्तो-चान की तरह हम भी किसी विकलांग व्यक्ति को खुशी देने के लिए जोखिम उठाना पसंद करेंगें और एक रोमांचकारी अनुभव के लिए हम भी हिमालय की जोखिम भरी यात्रा करना चाहते हैं।
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 10 – Apurv Anubhav – अनुमान और कल्पना
1. अपनी मां से झूठ बोलते समय तोत्तो-चान की नजरें नीचे क्यों थी?
उत्तर:- सभी बच्चों की तरह तोत्तो-चान भी कभी अपनी मां से झूठ नहीं बोलती थी। उसे अपनी मां की नजरों-से-नजरें मिलाकर झूठ बोलने में अपराध बोध महसूस होता और उसका झूठ पकड़ा जाता; इसलिए अपनी मां से झूठ बोलते समय तो तो चांद की नजरें नीचे थी।
2. यासुकी-चान जैसे शारीरिक चुनौतियों से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएं हर जगह नहीं होती। लेकिन कुछ जगहों पर ऐसी सुविधाएं दिखाई देती हैं। उन सुविधावाली जगहों की सूची बनाइए।
उत्तर:- सभी सरकारी-कार्यालयों, अस्पतालों, शिक्षण-संस्थानों, शॉपिंग-मॉल्स, हवाई-अड्डों, रेलवे-स्टेशनों, आदि पर शारीरिक चुनौतियों से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिए चढ़ने-उतरने की सुविधाएं देखी जा सकती है।
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 10 – Apurv Anubhav – भाषा की बात
- द्विशाखा शब्द द्वि और शाखा के योग से बना है। द्वि का अर्थ है- दो और शाखा का अर्थ है- डाल। द्विशाखा पेड़ के तने का वह भाग है जहां से दो मोटी-मोटी डालियां एक साथ निकलती है। द्वि की भांति आप त्रि से बननेवाला शब्द त्रिकोण जानते होंगे। त्रि का अर्थ है तीन। इस प्रकार चार, पांच, छह, सात, आठ, नौ और दस संख्यावाची संस्कृत शब्द उपयोग में अक्सर आते हैं। इन संख्यावाची शब्दों को जानकारी प्राप्त कीजिए और देखिए कि क्या इन शब्दों की ध्वनियां अंग्रेजी संख्या के नामों से कुछ-कुछ मिलती-जुलती हैं, जैसे- हिंदी-आठ, संस्कृत-अष्ट, अंग्रेजी-एट।
उत्तर:-
हिंदी-चार, संस्कृत-चत्वारि, अंग्रेजी-फौर
हिंदी-पांच, संस्कृत-पंच, अंग्रेजी-फाइव
हिंदी-छह, संस्कृत-षट्, अंग्रेजी-सिक्स
हिंदी-सात, संस्कृत-सप्त, अंग्रेजी-सेवन
हिंदी-आठ, संस्कृत-अष्ठ, अंग्रेजी-एट
हिंदी-नौ, संस्कृत-नव, अंग्रेजी-नाइन
हिंदी-दस, संस्कृत-दश, अंग्रेजी-टेन
- पाठ में ‘ठिठियाकर हंसने लगी’, ‘पीछे से धकियाने लगी’ जैसे वाक्य आए हैं। ठिठियाकर हंसने के मतलब का आप अवश्य अनुमान लगा सकते हैं। ठी-ठी-ठी हंसना या ठठा मारकर बोलचाल में प्रयोग होता है। इनमें हंसने की ध्वनि के एक खास अंदाज की हंसी का विशेषण बना दिया गया है। साथ ही ठिकायाना और धकियाना शब्द में ‘आना’ प्रत्यय का प्रयोग हुआ है। इस प्रत्यय से फ़िल्माना शब्द भी बन जाता है। ‘आना’ प्रत्यय से बननेवाले चार सार्थक शब्द लिखिए।
उत्तर:- शर्माना, दबाना, पछताना, घबराना।
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant
- हम पंछी उन्मुक्त गगन के – शिवमंगल सिंह सुमन
- दादी मां – शिवप्रसाद सिंह
- हिमालय की बेटियां – नागार्जुन
- कठपुतली – भवानी प्रसाद मिश्र
- मिठाईवाला – भगवती प्रसाद वाजपेयी
- रक्त और हमारा शरीर – यतीश अग्रवाल
- पापा खो गए – विजय तेंदुलकर
- शाम एक किसान – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- चिड़िया की बच्ची – जैनेंद्र कुमार
- अपूर्व अनुभव – तेत्सुको कुरियानागी
- रहीम के दोहे – रहीम
- कंचा – टी. पद्मनाभन
- एक तिनका – अयोध्या सिंह उपाध्याय
- खान पान की बदलती तस्वीर – प्रयाग शुक्ल
- नीलकंठ – महादेवी वर्मा
- भोर और बरखा – मीरा बाई
- वीर कुंवर सिंह – विभागीय
- संघर्ष के कारण में तुनकमिजाज हो गया : धनराज – विनीता पांडेय
- आश्रम का अनुमानित व्यय – मोहनदास करमचंद गांधी
- विप्लव-गायन – बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’