अव्यय – अव्यय के भेद (Avyay or Avyay ke bhed in Hindi Vyakaran)
अव्यय शब्द का शाब्दिक अर्थ -“बिना खर्च” तथा अविकारी शब्द का शाब्दिक अर्थ है – बिना परिवर्तन
जैसे →
घोड़ा तेज दौड़ता है |
वर्षा तेज हो रही है |
→ ऐसे शब्द जिनके रूप में कोई परिवर्तन नहीं होता वे अव्यय या अविकारी शब्द कहलाते हैं |
जैसे – और, एवं, तथा, जब, तब, अभी, उधर, किन्तु, परन्तु , धीरे – धीरे, तेज, इसीलिए आदि |
अव्यय के भेद ( Avyay ke bhed in Hindi Vyakaran)
अव्यय के चार भेद होते हैं –
क्रियाविशेषण
वे शब्द, जो क्रिया की विशेषता बताते हैं, क्रियाविशेषण कहलाते हैं |
कछुआ धीरे-धीरे चलता है।
मोहन अधिक बोलता है।
क्रियाविशेषण चार प्रकार के होते हैं –
स्थानवाचक क्रियाविशेषण
जिन क्रियाविशेषणों से क्रिया के होने के स्थान या दिशा का पता लगे, वे स्थानवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे→
दीदी अंदर हैं |
सीमा उस तरफ खड़ी है |
माता जी भीतर खाना पका रही हैं |
सूरज पूरब से निकलता है |
पहचान→ वाक्य में स्थानवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ “कहाँ” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है |
जैसे → माता जी भीतर खाना पका रही हैं |
प्रश्न →‘कहाँ‘ खाना पका रही हैं |
उत्तर → भीतर
जैसे → सूरज पूरब से निकलता है |
प्रश्न →’ कहाँ‘ से निकलता है |
उत्तर → पूरब
कालवाचक क्रियाविशेषण
वे क्रियाविशेषण शब्द जो क्रिया के घटने के समय/काल की सूचना देते हैं वे कालवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे →
आज शाम को वर्षा हो सकती है |
राधा रोज़ संगीत सीखती है |
पहचान → वाक्य में कालवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ कब प्रश्न करने पर की जा सकती है |
जैसे → दादी प्रतिदिन मंदिर जाती हैं |
प्रश्न →’कब’ जाती है
उत्तर → प्रतिदिन
रीतिवाचक क्रियाविशेषण
जो शब्द क्रिया के होने की रीति का बोध कराएँ, वे रीतिवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे – शांति से बैठें |
वह अचानक हँसने लगा |
पहचान →रीतिवाचक क्रियाविशेषण की पहचान क्रिया के साथ “कैसे” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है |
जैसे – रेलगाड़ी धीरे – धीरे चल रही थी |
प्रश्न – “कैसे” चल रही थी |
उत्तर – धीरे – धीरे
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
जो शब्द क्रिया की मात्रा, परिमाण आदि बताते हैं वे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण होते हैं |
जैसे →
काम ज़्यादा, बातें कम |
जितना चाहो उतना पाओ |
पहचान→ परिमाण वाचक क्रियाविशेषणों की पहचान क्रिया के साथ “कितना” शब्द लगाकर प्रश्न करने से की जा सकती है |
जैसे – थोड़ा आराम कर लो |
प्रश्न – कितना आराम कर लो ?
उत्तर – थोड़ा
संबंधबोधक अव्यय (Sambodhak Avyay in Hindi Vyakaran)
जैसे →
→ पेड़ के बंदर बैठा है ।
→ किसान बैलों के हल चलाता है ।
→ पेड़ के ऊपर बंदर बैठा है ।
→ किसान बैलों के द्वारा हल चलाता है ।
→ वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वाक्य में आए हुए दूसरे शब्दों के साथ संबंध बताते है, उन्हें संबंधबोधक कहते है।
संबंधबोधक के भेद
कालवाचक – (के) आगे, के पीछे, के पहले, के बाद, के पूर्वा, के पश्चात, के लगभग |
स्थानवाचक – के बीच, के मध्य, के ऊपर, के नीचे, के भीतर, के बाहर, के निकट |
दिशावाचक – की ओर, की तरफ, के आस – पास आदि |
साधनवाचक – के द्वारा, के जरिए, के निमित्त, के खातिर आदि |
समानतासूचक – के समान, की तरह, की भांति, के बराबर
विरोधवाचक – के विरुद्ध, के खिलाफ, के विपरीत
संबंधसूचक – के साथ, के संग, के सहित, के समेत
हेतुवाचक – के सिवा, के अलावा, के बिना, के बगैर |
संग्रहवाचक – भर, तक, मात्र, पर्यत|
विषमसूचक – विषय के लिए, बाबत,निस्बत
जैसे – वह सूर्योदय के पहले सो कर उठता है (कालवाचक)
→ ईश्वर के सहारे ही मैं कठिन कार्य कर सकती हूं (साधनवाचक)
→ अपने भाई तरुण के समान वेदांत भी बुद्धिमान है (समानतासूचक)
→ मेरा घर मंदिर के निकट ही है (दिशावाचक)
समुच्चय बोधक अव्यय
समुच्चय का व्यावहारिक अर्थ है – जोड़ना
जो अविकारी शब्द दो या दो से अधिक शब्दों, वाक्यांशों या उपवाक्यों को जोडनें का कार्य करते हैं उन्हें समुच्चयबोधक शब्द कहते हैं |
जैसे → वेदांत और इशान झगड़ रहे हैं |
→ लाल या नीला कौन सा गुब्बारा दूं ?
→ तरुण मेहनती है इसलिए कक्षा में प्रथम आता है |
समानाधिकरण समुच्चयबोधक
जो अव्यय शब्द समान स्थिति वाले शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोडते है उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते है।
जैसे → राधा और रेखा नृत्य करेंगी |
रावण ने बहुत कोशिश की किंतु राम को हरा ना सका |
और, व,एवं, तथा, या, अथवा, किंतु, परंतु, लेकिन |
समानाधिकरण के भेद
संयोजक
→ हिंदी व संस्कृत मेरे प्रिय विषय हैं |
→ हमें अपने माता-पिता एवं गुरु का आदर करना चाहिए l
→ और,व,एवं, तथा |
विभाजक
→ तुम मेरी बात सुन लो अन्यथा इसका परिणाम अत्यंत भयंकर होगा |
→ या,वा,अथवा,कि,चाहे, नही तो आदि |
विरोधदर्शक
→ पर, परंतु, किंतु, लेकिन, वरन्, बल्कि |
→ मैं उससे मिलने गया था, लेकिन उसने मुझसे बात ही नहीं की |
परिणामसूचक
→ मुझे जीवन में बहुत उन्नति करनी है, इसलिए मैं बहुत मेहनत करता हूं |
→ इसलिए,सो, अतः, अतएव
व्यधिकरण समुच्चयबोधक
जो अव्यय शब्द मुख्य वाक्य में एक या एकाधिक उपवाक्यों को जोडते है, उन्हें व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहते है। जैसे
→ मोहन विद्यालय न जा सका क्योंकि वह बीमार था |
→ समय पर भोजन करना चाहिए ताकि स्वास्थ्य खराब ना हो |
→ क्योंकि, जो कि, इसलिए, ताकि, जो-तो, यदयपि, तथापि |
व्यधिकरण समुच्चय बोधक के भेद
कारणवाचक
→ उसे चोट लगी थी, इसलिए वह खेलने नहीं आ सका |
→ राम प्रतियोगिता में हार गया,इसलिए बहुत दुखी है |
→ जोकि, इसलिए, कि, क्योंकि
उद्देश्यवाचक
जैसे → राम मन लगाकर पढ़ाई कर रहा है, ताकि वह कक्षा में प्रथम आ सके |
→ अभ्यास करो जिससे कि तुम्हारे खेल में निखार आ सके |
→ कि, जो, ताकि, जिससे, कि, इसलिए आदि |
संकेतवाचक
जैसे → जैसा बोओगे वैसा काटोगे |
→ चाहे तुम जो भी कर लो पर मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते |
→ जो …. तो, यदि….. तो, जैसा-वैसा,यदयपि,तथापि, चाहे— पर आदि |
स्वरुपवाचक
जैसे
→ लंबा है उदर जिसका अर्थात लंबोदर |
→ तुम आज खाना नहीं खाओगे यानि आज तुम्हारा उपवास है |
→ अर्थात्, यानि, मानो |
विस्मयादिबोधक अव्यय
→ जिन शब्दों से विस्मय, हर्ष, शोक, घृणा, लज्जा, भय, संबोधन अनुमोदन आदि का पता चलता है उसे विस्मयादिबोधक शब्द कहते हैं |
जैसे – हाय ! मैं बरबाद हो गया |
→ वाह वाह ! तुमने तो कमाल कर दिया |
→ अरे ! फलवाले इधर आओ |
विस्मयादिबोधक के भेद
हर्षबोधक- अहा! वाह-वाह!, धन्य-धन्य ।
शोकबोधक- हाय!, बाप रे, बेचारा!, हे राम!, त्राहि-त्राहि !
आश्चर्यबोधक- ओह!, ओहो !, क्या! अर!, अहो!, है !
अनुमोदनबोधक- शाबाश! वाह!, बहुत सुंदर!, अच्छा!, हाँ हाँ !
तिरस्कारबोधक- छिः!, हट ! अरे !, धिक् !, चुप !
स्वीकारबोधक- हाँ !, जी हाँ !, अच्छा !, जी !, ठीक !y
संबोधनबोधक – अरे !, रे !, अजी !, अहो !, लो !, जी !
FAQs on Avyay or Avyay ke bhed in Hindi Vyakaran
प्र.1. क्रियाविशेषण किसे कहते हैं ?
उत्तर = जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, वे क्रियाविशेषण कहलाते हैं |
प्र.2. क्रियाविशेषण के कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर = क्रियाविशेषण के चार प्रकार होते हैं ?
प्र.3. क्रियाविशेषण के प्रकारों का नाम बताइये –
उत्तर = (i) कालवाचक क्रियाविशेषण
(ii) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(iii) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(iv) परिणामवाचक क्रियाविशेषण
प्र.4. वह घोड़ा तेज दौड़ता है | उक्त वाक्य में क्रियाविशेषण का भेद बताइए –
उत्तर = रीतिवाचक क्रियाविशेषण
प्र.5. रेखा सामने रहती है | उक्त वाक्य में क्रियाविशेषण का भेद बताइये –
उत्तर = स्थानवाचक क्रियाविशेषण
प्र.6. बहुत, कम अधिक आदि शब्द किस क्रियाविशेषण के अन्तर्गत आते हैं ?
उत्तर = परिणामवाचक क्रियाविशेषण
प्र.7. समुच्चयबोधक किसे कहते हैं ?
उत्तर = वे शब्द जो एक पद का संबंध दुसरे पदों के साथ जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चयबोधक कहते हैं |
प्र.8. संबंधबोधक किसे कहते है ?
उत्तर = वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वाक्य में आए हुए दूसरे शब्दों के साथ संबंध बताते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं |
प्र.9. छि: ! कितनी गंदगी है यहाँ | उक्त वाक्य में से विस्मयादिबोधक शब्द बताइए –
उत्तर = छि: !
प्र.10. छत के ऊपर कबूतर बैठा है | उक्त वाक्य में से संबंधबोधक शब्द बताइये –
उत्तर = के ऊपर
Hindi Vyakaran Class 6 Notes
- लिंग – लिंग के भेद (Ling or Ling ke bhed)
- भाषा (Bhasha aur Lipi)
- विराम चिन्ह (Viram Chinh)
- प्रत्यय (Pratyay)
- मुहावरे (Muhavare)
- संज्ञा-संज्ञा के भेद (Sangya or Sangya ke bhed)
- काल – काल के भेद (Kaal or Kaal ke Bhed)
- विशेषण (Visheshan)
- क्रिया (सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया)
- कारक – कारक के भेद (Karak or Karak ke bhed)
- सर्वनाम – सर्वनाम के भेद (Sarvanam or Sarvanam ke bhed)
- वर्ण-विचार (Varn Vichar)
- उसपर्ग (Upsarg)
- वचन के भेद (Vachan or Vachan ke bhed)
- अव्यय – अविकारी शब्द (Avyay – Avikari shabd)
- शब्द विचार (Shabd Vichar)
- शब्द भेद – अर्थ के आधार पर (Shabd bhed – Arth ke adhar pr)
- संधि – संधि के भेद (Sandhi – Sandhi ke bhed)