Varn Vichar in Hindi Class 6 (वर्ण विचार) – वर्णमाला, वर्णों के प्रकार – स्वर – स्वर के भेद, व्यंजन – व्यंजन के भेद और अयोगवाह
Varn Vichar in Hindi – वर्ण / अक्षर – भाषा की सबसे छोटी इकाई, जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते, वह वर्ण कहलाती है।
जैसे → अ, र, क्, म्, च् आदि
वर्णमाला → वर्णों का व्यवस्थित क्रम वर्णमाला कहलाता है।
→ हिंदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण है।
वर्णों के प्रकार (Varn Vichar)
स्वर
जिन वर्णों के उच्चारण में दूसरे वर्णों की सहायता नहीं लेनी पड़ती, वे स्वर कहलाते हैं।
→ स्वरों की संख्या 11 होती है।
→ ‘‘अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ’’।
स्वर के भेद (Swar ke bhed)
हृस्व स्वर
→ जिन स्वरों के उच्चारण में सबसे कम समय लगता हैं, उन्हें हृस्व स्वर कहते हैं।
जैसे → अ, इ, उ, ऋ
दीर्घ स्वर
→ जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से दुगुना समय लगता है, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं।
जैसे → आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ।
प्लुत स्वर
→ जिन स्वरों के उच्चारण में हृस्व स्वर से तिगुना समय लगता है, उन्हें ‘प्लुत स्वर’ कहते हैं।
→ वर्तमान समय में ‘प्लुत’ स्वर का प्रयोग केवल उच्चारण में किया जाता है।
जैसे → ओइम, रधियाऽऽऽ
स्वरों की मात्राएँ
मात्रा → स्वरों के निर्धारित चिह्न होते हैं, जो व्यंजनों के साथ जुड़कर उनका स्वरूप बदल देते हैं, ये चिह्न मात्राएँ कहलाते हैं।
जैसे –
व्यंजन
जो ध्वनियाँ स्वरों की सहायता से बोली जाती है। उन्हें व्यंजन कहते हैं।
जैसे – क = क् + अ
व्यंजन के भेद
स्पर्श व्यंजन – जिन वर्णों के उच्चारण में जिह्वा मुख के विभिन्न भागों का स्पर्श करती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं।
→ स्पर्श व्यंजन 25 होते हैं।
स्पर्श व्यंजनों का वर्ग एवं उच्चारण स्थान →
अंतः स्थ व्यंजन → य्, र्, ल्, व् हैं। इनकों अद्र्ध स्वर भी कहा जाता है।
ऊष्म व्यंजन→ श्, ष्, स्, ह्
संयुक्त व्यंजन → दो अलग-अलग व्यंजनों के मिलने से जो नया व्यंजन बनता ह, उसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
→ ये मुख्यतः चार हैं।
जैसे → क्ष, त्र, ज्ञ, श्र
क् + ष् + अ = क्ष = क्षत्रिय
त् + र् + अ = त्र = त्रिशूल
ज् + ञ् + अ = ज्ञ = ज्ञानी
श् + र् + अ = श्र = श्रीमान
द्वित्व व्यंजन → जब एक वर्ण दो बार मिलता है, तो उसे द्वित्व व्यंजन कहते हैं।
पक्का = क् + क = क्क
लज्जा = ज् + ज = ज्ज
चम्मच = म् + म = म्म
गन्ना = न् + न = न्न
अयोगवाह
हिंदी वर्णमाला में ऐसे वर्ण जिनकी गणना न तो स्वरों में और न ही व्यंजनों में की जाती है, उन्हें अयोगवाह कहते है।
→ ‘अं, अँ और अः अयोगवाह वर्ण है।
अनुस्वार ( ं )
जिस वर्ण का उच्चारण करते समय हवा केवल नाक से बाहर निकलती है। उसे ‘अनुस्वार’ कहते हैं।
→ इसका चिह्न केवल बिंदी ( ं ) है।
जैसे – डंडा, हंस, गंगा
विसर्ग (: )
जिस अयोगवाह ध्वनि का उच्चारण ‘ह्’ के समान किया जाता है, उसे विसर्ग कहते है।
→ जैसे – प्रातः, फलतः, अतः इत्यादि।
अनुनासिक ( ँ )
जिस ध्वनि का उच्चारण करते समय हवा नाक और मुख दोनों से निकलती है उसे अनुनासिक कहते हैं।
→ इसका चिह्न चंद्रबिंदु ( ँ ) है।
→ जैसे – चाँद, मुँह, अँगूठा, दाँत, गाँव इत्यादि।
उच्चारण के आधार पर व्यंजनों के भेद
अल्पप्राण
→ जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय वायु की मात्रा कम निकलती है, उन्हें ‘अल्पप्राण’ कहते हैं।
→ क्, ग्, ङ्, च्, ज्, ञ्, ट्, ड, ण्, त्, द्, न्, प्, ब्, म्, य्, र्, ल्, व्
अल्पप्राण व्यंजन कहे जाते हैं
अर्थात् वर्गों का प्रथम, तृतीय और पंचम् वर्ण अल्पप्राण कहलाता है।
→ अंतः स्थ – य, र्, ल्, व् अल्पप्राण व्यंजन हैं।
महाप्राण
→ जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय वायु अधिक मात्रा में बाहर निकलती है, उन्हें महाप्राण कहते हैं।
जैसे – ख्, घ्, छ्, झ्, ठ्, ढ्, थ्, फ्, भ्, श्, ष्, स्, ह्, महाप्राण व्यंजन कहे जाते हैं।
अर्थात् वर्गों का द्वितीय और चतुर्थ वर्ण महाप्राण कहलाता है।
→ सभी ऊष्म व्यंजन श्, ष्, स, ह महाप्राण व्यंजन है।
FAQs on Varn Vichar in Hindi Class 6
प्र.1. वर्ण किसे कहते हैं ?
उत्तर = भाषा की वह छोटी से छोटी इकाई जिसके खंड नहीं किए जा सकते, वर्ण कहलाती है |
प्र.2. हिंदी वर्णमाला में कुल कितने वर्ण होते हैं ?
उत्तर = 52 वर्ण
प्र.3. वर्णमाला किसे कहते हैं ?
उत्तर = वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं |
प्र.4. वर्णों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है ?
उत्तर = दो भागो में – (i) स्वर (ii) व्यंजन
प्र.5. स्वर किसे कहते हैं ?
उत्तर = वे ध्वनियाँ जिनका उच्चारण स्वतंत्र रूप से तथा बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जा सके उन्हें स्वर कहते हैं |
प्र.6. स्वरों की संख्या कितनी हैं ?
उत्तर = 11
प्र.7. स्वर कितने प्रकार के होते हैं ? उनके नाम बताइये –
उत्तर = (i) ह्रस्व स्वर (ii) दीर्घ स्वर (iii) प्लुत स्वर
प्र.8. जिन वर्णों के उच्चारण के लिए स्वरों की सहायता की आवश्यकता होती है, उन्हें क्या कहते हैं |
उत्तर = व्यंजन
प्र.9. व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर = तीन प्रकार के
प्र.10. अंत: स्थ व्यंजन बताइये –
उत्तर = य्, र्, ल्, व्
Hindi Vyakaran Class 6 Notes
- लिंग – लिंग के भेद (Ling or Ling ke bhed)
- भाषा (Bhasha aur Lipi)
- विराम चिन्ह (Viram Chinh)
- प्रत्यय (Pratyay)
- मुहावरे (Muhavare)
- संज्ञा-संज्ञा के भेद (Sangya or Sangya ke bhed)
- काल – काल के भेद (Kaal or Kaal ke Bhed)
- विशेषण (Visheshan)
- क्रिया (सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया)
- कारक – कारक के भेद (Karak or Karak ke bhed)
- सर्वनाम – सर्वनाम के भेद (Sarvanam or Sarvanam ke bhed)
- वर्ण-विचार (Varn Vichar)
- उसपर्ग (Upsarg)
- वचन के भेद (Vachan or Vachan ke bhed)
- अव्यय – अविकारी शब्द (Avyay – Avikari shabd)
- शब्द विचार (Shabd Vichar)
- शब्द भेद – अर्थ के आधार पर (Shabd bhed – Arth ke adhar pr)
- संधि – संधि के भेद (Sandhi – Sandhi ke bhed)
1 thought on “Varn Vichar in Hindi Class 6”
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