Vachya or Vachya ke bhed – वाच्य के भेद – कर्तृवाच्य ( Kritya Vachya ), कर्म वाच्य ( Karm vachya ), भाववाच्य ( Bhav vachya ), वाच्य परिवर्तन ( Vachya Parivartan )
वाच्य ( Vachya ) – वाच्य का शाब्दिक अर्थ है – ” बोलने का विषय”
जैसे
राहुल कपड़े खरीदता है |
मोहन से दौड़ा नहीं जाता |
→ क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि क्रिया कर्ता, कर्म या भाव के अनुसार हुई है, उसे वाच्य कहते हैं |
वाच्य के भेद ( Vachya ke bhed )
- कर्तृ वाच्य ( Kritya Vachya )
- कर्म वाच्य (Karm vachya )
- भाव वाच्य ( Bhav Vachya )
कर्तृवाच्य ( Kritya Vachya )
जैसे → तरुण कमीज़ पहन रहा है |
→ हिरन दौड़ते हैं |
→ रचना बाजार जाती है |
→ जिस वाक्य की क्रिया कर्ता के अनुसार होती है, उसे कर्तृवाच्य कहते है |
कर्तृवाच्य की पहचान
कर्ता के साथ “ने” विभक्ति होती है | कभी – कभी कर्ता बिना विभक्ति के भी होता है |
जैसे→ (1) माँ ने मोहन को डाँटा
(2) राधा सफाई कर रही है |
कर्म वाच्य ( Karm vachya )
जैसे → रोहन के द्वारा आइसक्रीम खाई जाती है |
→ आशिता के द्वारा पकौड़े खाए जाते हैं |
→ गीता के द्वारा पाजामा सिला जाता है |
→ जिस वाक्य की क्रिया कर्म के अनुसार होती है, उसे कर्मवाच्य कहते हैं |
कर्मवाच्य की पहचान
कर्ता के साथ “से” या “के द्वारा” विभक्ति होती है |
→ क्रिया सकर्मक होती है |
जैसे → (1) राधा से सब्जी खरीदी जाती है |
(2) कृष्णा के द्वारा बाँसुरी बजायी जाती है |
भाववाच्य ( Bhav vachya )
जैसे → (1) दादी से चला नहीं जाता |
(2) मोहन से रोया जाता है |
→ जो क्रिया वाक्य के कर्ता या कर्म के अनुसार न होकर भाव के अनुसार होती है | उसे भाववाचक कहते है |
भाववाचक की पहचान
- कर्ता के साथ “से” या के द्वारा विभक्ति होती है |
- क्रिया हमेशा अकर्मक होती है |
- क्रिया सदैव एकवचन, पुल्लिंग तथा अन्य पुरुष होती है |
जैसे – रोहन से पढ़ा नहीं जाता |
वाच्य परिवर्तन ( Vachya Parivartan )
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाना ( Kritya vachya se karm vachya banana )
→ कर्ता के साथ “से”, “के द्वारा” या “द्वारा” विभक्ति लगा दी जाती है |
→ क्रिया के लिंग, वचन, पुरुष आदि कर्म के अनुसार बदल दिए जाते हैं |
जैसे –
कर्तृवाच्य – नानी कहानी सुनाती है |
कर्मवाच्य – नानी के द्वारा कहानी सुनाई जाती है |
कर्तृवाच्य → तरुण पुस्तक पढता है |
कर्मवाच्य → तरुण से पुस्तक पढ़ी जाती है |
कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना ( Kritya vachya se Bhav vachya bnana )
कर्ता के साथ “से” विभक्ति जोड़ दी जाती है |
भाववाच्य की क्रिया सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन में प्रयुक्त होती है|
→ “जा” धातु के क्रिया – रूप कर्तृवाच्य के काल भेद के अनुसार जुड़ जाते हैं |
→ भाववाच्य का प्रयोग अधिकतम “नहीं” के रूप में होता है |
जैसे –
कर्तृवाच्य → सौम्य नहीं पढ़ती है |
भाववाच्य → सौम्य से पढ़ा नहीं जाता है |
कर्तृवाच्य → नानी उठ नहीं पाती |
भाववाच्य → नानी से उठा नहीं जाता |
कर्तृवाच्य → वैशाली नहीं नाचती |
भाववाच्य → वैशाली से नाचा नहीं जाता |
कर्मवाच्य और भाववाच्य से कर्तृवाच्य बनाना ( Karm vachya or bhav vachya se kritya vachya bnana )
→ सबसे पहले कर्ता के साथ प्रयुक्त ‘से’, “द्वारा” या “के द्वारा” को हटा दिया जाता है |
→ वाक्य में प्रयुक्त क्रिया को कर्ता के लिंग, वचन, पुरुष के अनुसार बदल दिया जाता है |
कर्मवाच्य से कर्तृवाच्य बनाना
(1) कर्मवाच्य – किसान के द्वारा फसल काटी जाती है |
कर्तृवाच्य – किसान फसल काटता है |
(2) कर्मवाच्य – माली के द्वारा पौधा लगाया जाता है |
कर्तृवाच्य – माली पौधा लगाता है |
भाववाच्य से कर्तृवाच्य बनाना
- भाववाच्य → अनीता से बोला नहीं जाता
कर्तृ वाच्य → अनीता बोल नहीं पाती | - भाववाच्य → राहुल से हँसा जाता है |
कर्तृ वाच्य → राहुल हँसता है |
FAQs on Vachya or Vachya ke bhed
प्र.1. वाच्य के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर = वाच्य के तीन भेद होते हैं |
प्र.2. रेखा बाजार जाती है | उक्त वाक्य में वाच्य बताइए –
उत्तर = कर्तृवाच्य
प्र.3. ‘भावना से भजन गाया जाता है |’ उक्त कर्मवाच्य को कर्तृवाच्य में बदलिए –
उत्तर = भावना भजन गाती है |
प्र.4. ‘दिनेश फल बेचता है |’ उक्त कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में बदलिए –
उत्तर = दिनेश से फल बेचे जाते हैं |
प्र.5. मैं उठ नहीं पाता | उक्त कर्तृवाच्य को भाववाच्य में बदलिए –
उत्तर = भाववाच्य = ‘मुझसे उठा नही जाता |
Hindi Vyakaran Class 8 Notes
- संज्ञा – संज्ञा के भेद
- सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
- उपसर्ग – उपसर्ग के प्रकार
- कारक – कारक के भेद
- क्रिया ( अकर्मक क्रिया, सकर्मक क्रिया )
- काल और काल के भेद
- विशेषण और विशेषण के भेद
- वचन – वचन के भेद
- विराम चिह्न – विराम चिह्न के भेद
- लिंग – लिंग के भेद
- मुहावरे और लोकोक्तियाँ
- प्रत्यय – प्रत्यय के प्रकार
- अव्यय (अविकारी)
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- अलंकार – अलंकार के भेद (Alankar or Alankar ke bhed)
- वाच्य – वाच्य के भेद (Vachya or Vachya ke bhed)
5 thoughts on “Vachya or Vachya ke bhed”
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