शब्द भेद ( Shabd bhed ) – अर्थ के आधार पर (Arth ke Aadhar par shabd ke bhed), उत्पत्ति के आधार पर (Utpatti ke Aadhar par shabd ke bhed), रचना के आधार पर (Rachna ke Aadhar par shabd ke bhed), प्रयोग के आधार पर (Prayog ke Aadhar par shabd ke bhed)
शब्द (Shabd) → वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं।
शब्द भेद ( Shabd bhed )
(1) अर्थ के आधार पर (Arth ke Aadhar par shabd ke bhed)
(2) उत्पत्ति के आधार पर (Utpatti ke Aadhar par shabd ke bhed)
(3) रचना के आधार पर (Rachna ke Aadhar par shabd ke bhed)
(4) प्रयोग के आधार पर (Prayog ke Aadhar par shabd ke bhed)
अर्थ के आधार पर शब्द भेद (Arth ke Aadhar par shabd ke bhed)
Arth ke Aadhar par shabd ke bhed
सार्थक शब्द (Sarthak Shabd) → जिन शब्दों के अर्थ ग्रहण किये जा सकते है, उन्हें हम सार्थक शब्द कहते हैं।
जैसे – रोटी, पेड़, चाय।
निरर्थक शब्द (Nirarthak Shabd) → जिन शब्दों के अर्थ ग्रहण नहीं किये जा सकते उन्हें हम निरर्थक शब्द कहते हैं।
जैसे – वाय, पूड़, राटी आदि।
सार्थक शब्द, निरर्थक शब्द
रचना के आधार पर शब्द भेद (Rachna ke Aadhar par shabd ke bhed)
रूढ़ शब्द → वे शब्द जो एक निश्चित अर्थ में प्रयोग किये जाते हैं और अपने आप में पूर्ण होते हैं, उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं।
जैसे → घर, माता, कलम
रूढ़ शब्दों के खंडों का कोई अर्थ नहीं होता।
जैसे → क +ल +म = कलम
योगिक शब्द – योग का अर्थ है – मिलाना अर्थात् वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हों, यौगिक शब्द कहलाते है।
जैसे →
पाठशाला = पाठ +शाला
पुस्तकालय = पुस्तक +आलय
दुकानदार = दुकान + दार
योगरूढ़- जो शब्ददो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बने हो पर किसी विशेष अर्थ को दर्शाते हों, उन्हें योगरूढ़ शब्द कहते हैं।
उत्पत्ति के आधार पर (Utpatti ke Aadhar par shabd ke bhed)
तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) →
परिभाषा → वे शब्द जो संस्कृत से आए हैं। हिंदी भाषा में बिना किसी परिवर्तन के प्रयुक्त होते है वे तत्सम शब्द कहलाते हैं।
जैसे → अग्नि, कण्ठ, स्वर्ण, सूर्य इत्यादि
तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd) →
तद् + भव अर्थात् ‘उससे उत्पन्न’
वे शब्द जो आए तो संस्कृत से हैं, लेकिन हिंदी में जिनका रूप परिवर्तित हो गया है वे शब्द तद्भव शब्द कहलाते हैं।
जैसे →
तत्सम = तद्भव
ग्राम = गाँव
धैर्य = धीरज
चंद्र = चाँद
घट = घड़ा
दीपक = दीया
देशज शब्द (Deshaj Shabd) →
वे शब्द जो देश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की बोलियों से हिंदी में आए है, वे देशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे → खटिया, थैला, खचाखच ढोर परात, बड़बड़ाना आदि।
विदेशज शब्द (Ve deshaj Shabd) →
वे शब्द जो विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं, वे विदेशज शब्द कहलाते हैं।
जैसे → रिक्शा (जापानी)
कुछ अन्य विदेशी शब्द
अंग्रेजी → चाॅकलेट, रेल, बैंक, कार
अरबी → आदमी, मरीज़, तारीख गरीब।
फ़ारसी → गुब्बारा, शराब, शादी, दरवाज़ा
पुर्तगाली → गमला, तौलिया
संकर शब्द (Shankar Shabd) →
जब दो अलग-अलग भाषाओं के मेल से नया शब्द बनता है तब वह संकर शब्द कहलाता है।
प्रयोग के आधार पर शब्द भेद (Prayog ke Aadhar par shabd ke bhed)
FAQs on Shabd bhed (शब्द भेद)
प्र.1. शब्द किसे कहते हैं ?
उत्तर = वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं |
प्र.2. प्रयोग के आधार पर शब्दों के कितने भेद होते है |
उत्तर = दो भेद –
(i) सार्थक शब्द
(ii) निरर्थक शब्द
प्र.3. शब्दों का वर्गीकरण कितने प्रकार से किया जा सकता है ?
उत्तर = चार प्रकार से
प्र.4. उत्पत्ति या स्त्रोत के आधार पर शब्दों के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर = चार भेद
प्र.5. ‘घोड़ा’ शब्द तत्सम शब्द बताइए –
उत्तर = घोटक
प्र.6. ‘धैर्य’ शब्द का तद्.भव शब्द बताइए –
उत्तर = धीरज
प्र.7. ‘दरवाजा’ किस भाषा का शब्द है ?
उत्तर = फारसी
Hindi Vyakaran Class 6 Notes
- लिंग – लिंग के भेद (Ling or Ling ke bhed)
- भाषा (Bhasha aur Lipi)
- विराम चिन्ह (Viram Chinh)
- प्रत्यय (Pratyay)
- मुहावरे (Muhavare)
- संज्ञा-संज्ञा के भेद (Sangya or Sangya ke bhed)
- काल – काल के भेद (Kaal or Kaal ke Bhed)
- विशेषण (Visheshan)
- क्रिया (सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया)
- कारक – कारक के भेद (Karak or Karak ke bhed)
- सर्वनाम – सर्वनाम के भेद (Sarvanam or Sarvanam ke bhed)
- वर्ण-विचार (Varn Vichar)
- उसपर्ग (Upsarg)
- वचन के भेद (Vachan or Vachan ke bhed)
- अव्यय – अविकारी शब्द (Avyay – Avikari shabd)
- शब्द विचार (Shabd Vichar)
- शब्द भेद – अर्थ के आधार पर (Shabd bhed – Arth ke adhar pr)
- संधि – संधि के भेद (Sandhi – Sandhi ke bhed)
2 thoughts on “शब्द भेद”
Its superb. Really very helpful. Thank a lot for such a wonderful explanation
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