कारक और कारक के भेद

कारक और कारक के भेद (Karak or Karak ke bhed in Hindi)

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से या क्रिया से जाना जाता है, उसे कारक कहते है |
कारकों को बतानेवाले जो चिह्न संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ लगाए जाते हैं, उन्हें विभक्ति या परसर्ग कहते हैं |

→   श्री राम युद्ध किया |
→   उन्होंने रावण मारा |
→   श्री राम रावण तीर मारा |
→   उन्होंने धर्म रक्षा रावण मारा |

→   श्री राम ने युद्ध किया |
→   उन्होंने रावण को मारा |
→   श्री राम ने रावण को तीर से मारा |
→   उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए रावण को मारा |

कारक के भेद (Karak ke bhed)

कारक के भेद

कर्ता कारक (ने)

जैसे →
→  सुनील दौड़ लगाता है |
→  राधा ने सफाईं की |
→  मोहन ने पत्र लिखा |
→  संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से कार्य को करनेवाले का बोध हो,  उसे कर्ता कारक कहते है |
→  कर्ता कारक विभक्ति चिह्न “ने” है |
→  “ने” विभक्ति चिह्न का प्रयोग भूतकाल में तथा सकर्मक क्रिया होने   पर होता है |

जैसे →  मोहन पुस्तक पढ़ता है | (वर्तमान काल)
→    वैशाली बाजार जाएगी | (भविष्यत काल)
→  नीरू खुश हुई |  (भूतकाल, अकर्मक क्रिया)
→  सीमा ने आम खाया | (भूतकाल, सकर्मक क्रिया)

कर्म कारक (‘को’)

जैसे → राम ने रावण को मारा |
→  जिस शब्द पर क्रिया के कार्य का प्रभाव पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं |
→  कर्म कारक की विभक्ति “को” है |
→  कर्म की पहचान के लिए “क्रिया” के साथ “क्या” अथवा किसको शब्द  लगाकर प्रश्न करते है |

जैसे →  राम ने रावण को मारा |
प्रश्न   -“किसको” मारा ?
उत्तर =  रावण को
जैसे → निशा दूध पीती है |
प्रश्न   -“क्या” पीती है ?
उत्तर =  “दूध”

करण कारक

करण कारक – “करण” का अर्थ है – “साधन” |

जैसे  →  बच्चे गेंद से खेल रहे हैं |
→  जिस साधन के द्वारा कर्ता कार्य करता है, उसे करण कारक कहते है |
→  इसका विभक्ति चिह्न “से” है |
→  करण कारक की पहचान के लिए क्रिया के साथ किससे, किसके द्वारा, किसके साथ शब्द लगाकर प्रश्न करने पर जो उत्तर प्राप्त होगा वही करण कारक होगा |

जैसे- राम ने रावण को तीर से मारा |
प्रश्न →  “किससे” मारा
उत्तर =तीर से (करण कारक)

संप्रदान कारक

→  राम सीता के लिए फल लाया |
→  कर्ता जिसके लिए क्रिया करता है, अथवा जिसे कुछ देता है,  उसे संप्रदान कारक कहते है |
→  संप्रदान कारक का विभक्ति चिह्न “के लिए” तथा “को” है |
→  इसकी पहचान करने के लिए क्रिया के साथ, किसको, “किसके लिए” प्रश्न करने पर जो उत्तर प्राप्त होता है, वही संप्रदान कारक होता है |

जैसे- अतिथि राधा के लिए उपहार लाए |
प्रश्न →  किसके लिए लाए
उत्तर = राधा के लिए (संप्रदान कारक)

अपादान कारक

जैसे → गंगा हिमालय से निकलती है |
पेड़ से पत्ते गिरते हैं |
→  संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरे से अलग होने का तुलना होने या दूरी होने का भाव प्रकट हो उसे अपादान कारक हैं |
→  इसका विभक्ति चिह्न “से” है |
→  इसकी पहचान के लिए क्रिया के साथ किससे, “कहाँ से” शब्द लगाकर प्रश्न करने से जो उत्तर प्राप्त होगा, वही अपादान कारक होता है |

जैसे – पेड़ से फल गिरा |
प्रश्न →  “किससे” गिरा |
उत्तर =  पेड़ से

संबंध कारक

जैसे → यह पिता जी की गाड़ी है |

संबंध कारक – शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति / वस्तु का संबंध किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु के साथ जाना जाए, उसे संबंध कारक कहते हैं |
संबंध कारक के विभक्ति चिह्न का, के, की, रा, रे, री, ना, ने, नी, हैं |
→  इसकी पहचान के लिए क्रिया के साथ “किसका, किसकी, किसके” शब्द लगाकर प्रश्न करने पर जो उत्तर प्राप्त होगा,
वही संबंध कारक होता है |

जैसे – राम राजा दशरथ के पुत्र थे |
प्रश्न →“किसके” पुत्र थे |
उत्तर =  राजा दशरथ के

अधिकरण कारक

जैसे – पक्षी डाल पर बैठे है |
अधिकरण कारक – शब्द के जिस रूप से क्रिया का आधार प्रकट हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं |
इसके विभक्ति चिह्न हैं –  में, पर;

अधिकरण कारक की पहचान के लिए क्रिया के साथ किसमें, किस पर, कहाँ, या “कब” शब्द लगाकर प्रश्न करने पर जो उत्तर प्राप्त होगा वहीँ  अधिकरण कारक होता है |

जैसे – पौधें गमले में लगे हैं |
प्रश्न →“किसमें” लगे है ?
उत्तर =  गमले में




संबोधन कारक

जैसे –  हे भगवान ! इस बेचारे की रक्षा करना  |

संबोधन कारक – शब्द का वह रूप जिससे किसी को पुकारे जाने के भाव का ज्ञान हो, उसे संबोधन कारक कहते हैं |
इसके विभक्ति चिह्न हैं_ हे, अरे आदि |
इसकी पहचान इसके चिह्न (!) से होती है |

FAQs on Karak or Karak ke bhed

प्र.1.  कारक किसे कहते हैं ?  

उत्तर = संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से या क्रिया से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं |

प्र.2.  कारक के कितने भेद होते हैं ?    

उत्तर = आठ

प्र.3.  पिताजी मोहन के लिए कमीज लाए | उक्त वाक्य में कौनसा कारक हैं ?        

उत्तर = संप्रदान कारक

प्र.4.  जिस वाक्य में एक वस्तु का दूसरे से अलग होने का भाव प्रकट हो वहाँ कौनसा कारक होता हैं ?   

उत्तर = अपादान कारक

प्र.5.  का, की, के, रा, री, रे किस कारक के विभक्ति चिह्.न है ?              

उत्तर = संबंध कारक

प्र.6.  माँ चाकू से फल काट रही हैं | उक्त वाक्य में कौनसा कारक है |  

उत्तर = करण कारक

प्र.7.  में, पर किस कारक के विभक्ति चिह्.न है ?    

उत्तर = अधिकरण कारक

प्र.8.  विभक्ति किसे कहते हैं ?       

उत्तर = कारको को बताने वाले जो चिह्.न संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ लगाए जाते हैं वे विभक्ति कहलाते हैं |

Hindi Vyakaran Class 6 Notes

  1. लिंग – लिंग के भेद (Ling or Ling ke bhed)
  2. भाषा (Bhasha aur Lipi)
  3. विराम चिन्ह (Viram Chinh)
  4. प्रत्यय (Pratyay)
  5. मुहावरे (Muhavare)
  6. संज्ञा-संज्ञा के भेद (Sangya or Sangya ke bhed)
  7. काल – काल के भेद (Kaal or Kaal ke Bhed)
  8. विशेषण (Visheshan)
  9. क्रिया (सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया)
  10. कारक – कारक के भेद (Karak or Karak ke bhed)
  11. सर्वनाम – सर्वनाम के भेद (Sarvanam or Sarvanam ke bhed)
  12. वर्ण-विचार (Varn Vichar)
  13. उसपर्ग (Upsarg)
  14. वचन के भेद (Vachan or Vachan ke bhed)
  15. अव्यय – अविकारी शब्द (Avyay – Avikari shabd)
  16. शब्द विचार (Shabd Vichar)
  17. शब्द भेद – अर्थ के आधार पर (Shabd bhed – Arth ke adhar pr)
  18. संधि – संधि के भेद (Sandhi – Sandhi ke bhed)

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