Ling or Ling ke bhed in Hindi Grammar Class 8 – Ling Badlo in Hindi Grammar, Ling ki pehchan, Purling se Striling shabd bnane ke niyam
लिंग ( Ling ) – लिंग का अर्थ है – “चिह्न”
जैसे →
अध्यापिका पढ़ा रही है |
मोहन गए रहा है |
वैशाली खाना बना रही है |
अमित कविता लिख रहा है |
→ संज्ञा शब्द के जिस रूप से उसके स्त्री या पुरुष जाति होने का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं |
लिंग के भेद (Ling ke bhed )
- पुल्लिंग ( Pulling )
- स्त्रीलिंग ( Striling )
पुल्लिंग (Pulling)
जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराते है, उन्हें पुल्लिंग कहते है |
जैसे → लड़का, शेर, बैल, अध्यापक, बंदर, भाई आदि |
स्त्रीलिंग (Stirling)
जो शब्द स्त्री जाति का बोध कराते है, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं |
जैसे → नौकरानी, गाय, बहन, माता, अध्यापिका आदि |
लिंग परिवर्तन (Ling Badlo in Hindi Grammar Class 8)
1. प्राणीवाचक संज्ञा शब्द
जैसे →
- छाता भीग गया |
छतरी भीग गई | - यह दीवार ऊँची है |
पर्वत ऊँचा होता है |
2. सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्द
कौआ, खरगोश, भालू, गैंडा, बिच्छू, कीड़ा, खटमल, तोता, उल्लू, बाज, चीता, बछड़ा आदि |
सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द →
मक्खी, मछली, चील, गिलहरी, कोयल, छिपकली, लोमड़ी, जूँ आदि |
जैसे → नर कौआ – मादा कौआ
नर कोयल – मादा कोयल
3. पद सूचक शब्द
जैसे → इंदिरा गाँधी भारत की प्रधानमंत्री थी | (स्त्रीलिंग)
मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे | (पुल्लिंग)
नीलम सेन कंपनी की मैनेजर है | (स्त्रीलिंग)
बलवीर सिंह कंपनी के मैनेजर है | (पुल्लिंग)
4. समुदायवाचक संज्ञाएँ
पुल्लिंग समुदायवाचक संज्ञाएँ
→ लोग, परिवार, दल, समाज, वर्ग, समूह, संघ, कुटंब, गुच्छ |
स्त्रीलिंग समुदायवाचक संज्ञाएँ
→ टोली, भीड़, कक्षा, कमेटी, परिषद, सभा, समिति आदि |
पुल्लिंग की पहचान
1. मोटी, बड़ी, तथा बेडौल वस्तुओं को व्यक्त करने वाली संज्ञाएँ पुल्लिंग होती है |
जैसे → कूड़ा, बंडल, पर्वत, रस्सा आदि |
2. देश, पर्वत, समुद्र, पेड़, अनाज, गृह, मास, वार, रत्न, द्रव के नाम पुल्लिंग होते हैं |
पेड़ → अपवाद – इमली, मौलसरी
अनाज → ज्वार, मक्की, अरहर (स्त्रीलिंग)
धातु → चाँदी (स्त्रीलिंग)
ग्रह → पृथ्वी (स्त्रीलिंग)
मास → जनवरी, मई, जुलाई, फरवरी (स्त्रीलिंग)
द्रव → चाय, कॉफी, लस्सी (स्त्रीलिंग)
3. जिन शब्दों के अंत में अक, त्व, ना, य, आपा, आव, आवा, औड़ा, पन आते है वे प्राय: पुल्लिंग होते है |
अक → चाल + अक = चालक
शिक्ष् + अक = शिक्षक
पन → पागलपन, बालकपन
ना → टहलना, पढ़ना
→ शरीर के कुछ अंग पुल्लिंग होते हैं |
→ वर्णमाला के अक्षर पुल्लिंग → इ, ई, ऋ (स्त्रीलिंग)
→ अरबी – फ़ारसी के “खाना” शब्द से अंत होने वाले शब्द पुल्लिंग होते है –
जैसे → दवाखाना, डाकखाना
→ अरबी – फ़ारसी के “दान” से अंत होने वाले शब्द पुल्लिंग होते है –
जैसे → फूलदान, खानदान |
→ ’वाला’ से अंत होने वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं |
जैसे → दूधवाला, पानवाला
→ अंत में ‘एरा’ जुड़े होने वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं |
जैसे → चचेरा = चाचा + एरा
लुटेरा = लूट + एरा
→ संस्कृत के वे शब्द जिनके अंत में ‘त्र’ जुड़ा होता है, पुल्लिंग होते है |
जैसे → नेत्र, पात्र
→ ‘आर’ से अंत होने वाले शब्द पुल्लिंग होते है |
जैसे → लोहार = लोहा + आर
स्त्रीलिंग की पहचान
→ जिन शब्दों के अंत में आवट, आहट, इया, ता, आई, नी, इमा, आस, ई, त, री आते हैं, वे प्राय: स्त्रीलिंग होते हैं |
जैसे →
आवट →
मिल + आवट = मिलावट
सजा + आवट = सजावट
ता →
पशु + ता = पशुता
एक + ता + एकता
ई →
गरीबी = गरीब + ई
मजदूरी = मजदूर + ई
नोट → पानी, मोती, घी, हाथी, आदमी, पक्षी आदि पुल्लिंग है |
त – रंगत, चाहत
आई →
पढ़ + आई = पढ़ाई
लड़ + आई = लड़ाई
→ भाषा, बोली, लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होते है |
→ नदी तथा झीलों के नाम स्त्रीलिंग होते है |
→ तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं |
जैसे – पूर्णिमा, अमावस्या, प्रथमा, तीज आदि |
→ शरीर के कुछ अंग स्त्रीलिंग होते है –
जैसे – नाभि, ठोड़ी, भौं, पलक, छाती, कमर एड़ी, आँख, नाक, जीभ
1. अरबी – फ़ारसी के वे शब्द जिनके अंत में त, श, आ, ह होता है, वे स्त्रीलिंग में हो सकते हैं –
जैसे → त = अदालत, दौलत, इज्ज़त
श = मालिश, तलाश साजिश
आ = दवा, हवा, सज़ा
नोट→ इशारा, जमाना, शीशा, नशा, चेहरा, पर्दा ये शब्द पुल्लिंग है
ह = सुबह, जगह, सलाह
2. इकारांत तथा उकारांत तत्सम संज्ञाएं स्त्रीलिंग होती हैं |
इकारांत तत्सम शब्द = जाति, अग्नि, शक्ति
नोट→ रवि, कवि, (पुल्लिंग)
उकारांत तत्सम शब्द = मृत्यु, आयु, वस्तु, वायु, ऋतु
नोट→ साधु, गुरु, (पुल्लिंग)
→ संस्कृत के आकारांत शब्द तथा संस्कृत के वे शब्द जिनके अंत में ‘अना’ लगा होता है, वे स्त्रीलिंग होते हैं |
जैसे → आकारांत शब्द
दया, अहिंसा, विदया आदि
अंत में ‘अना’ लगा हो →
वेदना = वेद + अना
भावना = भाव + अना
पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम
- अंतिम ‘अ’ को ‘आ’ करके
जैसे → सुत + आ = सुता
आदरणीय + आ = आदरणीया
- अंतिम ‘अ’ को ‘आ’ के स्थान पर अंत में ‘ई’ लगाकर
जैसे → बेटा + ई = बेटी
थाल + ई = थाली
- अंतिम ‘आ’ के स्थान पर अंत में ‘इया’ लगाकर
जैसे → डिब्बा + इया = डिबिया
बेटा + इया = बिटिया
- अंत ‘आइन’ लगाकर
जैसे →
पंडित + आइन = पंडिताइन
ठाकुर + आइन = ठकुराइन
- अंतिम ‘अक’ के स्थान पर अंत में ‘इका’ लगाकर’
जैसे → नायक + इका = नायिका
गायक + इका = गायिका
- अंत में ‘आनी’, ‘आणी’ लगाकर →
जैसे → जेठ + आनी = जेठानी
रुद्र + आणी = रुद्राणी
- ‘ई’ के स्थान पर “इनी” लगाकर →
जैसे → अभिमानी + इनी
अभिमान् + इनी = अभिमानिनी
स्वामी + इनी = स्वामिनी
‘ता’ के स्थान पर “त्री” लगाकर
दाता = दा + त्री = दात्री
नेता = ने + त्री = नेत्री
FAQs on Ling in Hindi Grammar Class 8
प्र.1. नेत्र, चित्र शब्दों का लिंग बताइए –
उत्तर = पुल्लिंग
प्र.2. चावल, ताँबा, पन्ना शब्दों के लिंग बताइए –
उत्तर = पुल्लिंग
प्र.3. क्रीडा, हिंसा उक्त शब्दों के लिंग बताइए –
उत्तर = स्त्रीलिंग
प्र.4. ‘चौबे’ शब्द का स्त्रीलिंग बताइए –
उत्तर = चौबाइन
प्र.5. ‘कर्ता’ शब्द का स्त्रीलिंग बताइए –
उत्तर = कर्त्री
प्र.6. ‘विधाता’ शब्द का लिंग बताइए –
उत्तर = पुल्लिंग
प्र.7. ‘दाता’ शब्द का स्त्रीलिंग बताइए –
उत्तर = दात्री
प्र.8. ‘सम्राट’ शब्द का पुल्लिंग बताइए –
उत्तर = सम्राज्ञी
प्र.9. ‘विदुषी’ शब्द का पुल्लिंग बताइए –
उत्तर = विद्वान
प्र.10. ‘लुहारिन’ शब्द का पुल्लिंग बताइए –
उत्तर = ‘लुहार’
Hindi Vyakaran Class 8 Notes
- संज्ञा – संज्ञा के भेद
- सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
- उपसर्ग – उपसर्ग के प्रकार
- कारक – कारक के भेद
- क्रिया ( अकर्मक क्रिया, सकर्मक क्रिया )
- काल और काल के भेद
- विशेषण और विशेषण के भेद
- वचन – वचन के भेद
- विराम चिह्न – विराम चिह्न के भेद
- लिंग – लिंग के भेद
- मुहावरे और लोकोक्तियाँ
- प्रत्यय – प्रत्यय के प्रकार
- अव्यय (अविकारी)
- वर्तनी (Vartani)
- शब्द विचार (Shabd Vichar)
- शब्द भेद – अर्थ के आधार पर
- वाक्य – संबंधि अशुद्धिशोधन
- वाक्य रचना – वाक्य के भेद
- समास – समास के भेद (Samas or Samas ke bhed)
- संधि – संधि के भेद (Sandhi or Sandhi ke bhed)
- पद-परिचय (Pad Parichay in Hindi Vyakaran Class 10)
- अलंकार – अलंकार के भेद (Alankar or Alankar ke bhed)
- वाच्य – वाच्य के भेद (Vachya or Vachya ke bhed)