Avyay Avikari Shabd in Hindi

अव्यय अविकारी शब्द (Avyay Avikari Shabd in Hindi) →   वे शब्द जिनमें लिंग, वचन, काल, पुरुष आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है वे अव्यय कहलाते हैं |

जैसे → यहाँ, वहाँ, आज, कौन, धीरे, अरे आदि

अव्यय अविकारी शब्द (Avyay Avikari Shabd in Hindi)

अव्यय शब्दों के भेद – ( Avyay shabd ke bhed )

  1. क्रिया विशेषण
  2. संबंधबोधक
  3. समुच्चयबोधक
  4. विस्मयादिबोधक
  5. निपात

क्रियाविशेषण ( Kriya visheshan )

जैसे→ बारिश लगातार हो रही है |
बस अचानक रुक गई|
बंदर ऊपर बैठा है |

→   क्रिया की विशेषता बताने वाले अव्यय शब्द को क्रियाविशेषण कहते हैं |

क्रियाविशेषण  के भेद ( Kriya Visheshan ke bhed )

(1)  रीतिवाचक क्रियाविशेषण  ( Riti Vachak Kriya Visheshan )
(2)  स्थानवाचक क्रियाविशेषण    ( Sthan Vachak Kriya visheshan )
(3)  कालवाचक क्रियाविशेषण    ( Kaal Vachak Kriya visheshan )
(4)  परिमाणवाचक क्रियाविशेषण   ( Parinam Vachak Kriya Visheshan )

रीतिवाचक क्रियाविशेषण

जैसे सौम्या धीरे – धीरे लिखती है |
→      सारे – खिलौने हाथों – हाथ बिक गए |

→   जिस क्रियाविशेषण शब्द से क्रिया के होने की रीति या ढंग का पता चलता है, उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं |

पहचान → क्रिया के साथ “कैसे” शब्द लगाकर प्रश्न करने से जो उत्तर प्राप्त होता है वही रीतिवाचक क्रियाविशेषण होता है |

जैसे
अचानक बारिश आ गई |
प्रश्न →    “कैसे” आ गई |
उत्तर →    अचानक (रीतिवाचक क्रियाविशेषण)




स्थानवाचक क्रियाविशेषण

जैसे →    कविता ऊपर रहती है |
राधा बाहर पढ़ रही है |

→   जिस क्रियाविशेषण शब्द से क्रिया के होने के स्थान का पता चलता है, उसे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं |

पहचान – क्रिया के साथ “कहाँ” शब्द लगाकर प्रश्न करने पर जो उत्तर मिले वही स्थानवाचक क्रियाविशेषण होता है |

कालवाचक क्रियाविशेषण

जैसे → माता जी मंदिर प्रतिदिन जाती है |
राजू कल सुबह आएँगा |

→   जिस क्रियाविशेषण शब्द से क्रिया के होने के समय का पता चलता है, उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं |

पहचान – क्रिया के साथ “कब” शब्द लगाकर प्रश्न करने पर जो उत्तर प्राप्त हो वह कालवाचक क्रियाविशेषण होता है |

जैसे → पिताजी रात में आएँगे |
प्रश्न → “कब” आएँगे
उत्तर → रात में (कालवाचक क्रियाविशेषण)

परिमाणवाचक क्रियाविशेषण

जैसे →    चाय में चीनी कम डालना |
सबको लड्डू थोड़े – थोड़े मिलेंगे |

→   जिस क्रियाविशेषण शब्द से क्रिया की मात्रा और परिमाण का पता चलता है, उसे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं |

पहचान → क्रिया के साथ “कितना” शब्द लगाकर प्रश्न करने पर जो उत्तर प्राप्त होता है वह परिमाणवाचक क्रियाविशेषण होता है |

जैसे →    नल से पानी ज्यादा टपक रहा है |
प्रश्न →    कितना टपक रहा है |
उत्तर →    “ज्यादा” (परिमाणवाचक क्रियाविशेषण)




संबंधबोधक अव्यय ( Sambandhbodhak Avyay )

जैसे

→   दुकान के पास सब्जियाँ बिक रही थी |
→   वह चाय के साथ बिस्कुट खाता है |
→   मच्छरों के मारे बच्चे सो भी नहीं सके |

ऐसे शब्द, जो संज्ञा और सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ प्रकट करते हैं, उन्हें संबंधबोधक कहते हैं |

संबंधबोधक के भेद

  1. कालवाचक –  के पूर्व, के पश्चात्, के आगे, के पीछे, के पहले आदि |
  2. स्थानवाचक –  के ऊपर, के नीचे, के अंदर, के बाहर, के समीप आदि |
  3. दिशावाचक –  की ओर, की तरफ, के आस – पास आदि |
  4. साधनवाचक –  के द्वारा, के जरिए, के निमित्त, के खातिर आदि |
  5. सादृश्यवाचक –  के जैसा, के समान, की तरह आदि |
  6. विरोधवाचक –  के उल्टे, के विपरीत, के प्रतिकूल आदि |
  7. तुलनावाचक – की अपेक्षा आदि |
  8. उद्देश्यवाचक – के लिए, के हतु, के फलस्वरूप आदि |
  9. व्यक्तिरेकवाचक –  के अतिरिक्त, के बिना, के रहित आदि |
  10. सहचरवाचक – के साथ, के संग, के समेत आदि |

संबंधबोधक और क्रियाविशेषण में अंतर

समुच्चयबोधक अव्यय ( Samuchaya Bodhak Avyay )

जैसे →   कमलेश गाएगी तो सौम्या नृत्य करेगी |
आप चाय पिएँगे या कॉफ़ी ?
प्रताप और तरुण भाई – भाई है |

→   जिन शब्दों के द्वारा दो शब्दों या दो वाक्यों या दो वाक्यांशों को जोड़ने का कार्य किया जाता है, उन्हें समुच्चयबोधक या योजक कहते है |

समुच्चयबोधक के भेद

  1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक
  2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक

समानाधिकरण समुच्चयबोधक

जैसे

रेखा और नीतू पुस्तकें खरीद लाईं |
कुछ बच्चे कहानी लिख रहे थे और कुछ चित्र बना रहे थे |

→   जिन समुच्चयबोधक शब्दों द्वारा दो समान वाक्यांशों, दो समान शब्दों और दो समान वाक्यों को जोड़ा जाता है उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक कहते है |




समानाधिकरण समुच्चयबोधक के भेद

(1)  संजोयक
(2)  विभाजक
(3)  विरोधसूचक
(4)  परिणामसूचक

(1)  संजोयक →

(1)  राधा और रेखा दिल्ली जाएँगी |
(2)  कृपया प्रताप और नीतू के विवाह में पधारे |

(2)  विभाजक→

निबंध अथवा कहानी में से एक लिखिए |
→   चाय पीना या शरबत पीना |

(3)  विरोधसूचक→

जैसे → पुस्तकें खरीदनी थी, परंतु दुकान बंद है |
→   चाय नहीं मिली किंतु कॉफी मिल गई |

(4)  परिणामसूचक→

जैसे →  राम ने पढ़ाई नहीं कि इसलिए अनुत्तीर्ण हो गया |
→   गृहकार्य नहीं किया था अत: डाँट खानी पड़ी |

व्यधिकरण समुच्चयबोधक

जैसे →  वे सफल होते है, जो परिश्रम करते है |
धीरे चलो ताकि थक न जाएँ

→   किसी वाक्य के प्रधान और आश्रित उपवाक्यों को जोड़ने वाले शब्दों को व्यधिकरण समुच्चयबोधक कहते हैं |

व्यधिकरण समुच्चयबोधक भेद

(1)  कारणसूचक
(2)  संकेतसूचक
(3)  उद्देश्यसूचक
(4)  स्वरूपसूचक

(1)  कारणसूचक →

जैसे →  श्याम को गाड़ी नहीं मिली क्योंकि वह समय पर नहीं गया |

(2)  संकेतसूचक →

जैसे →  यदि पिताजी आ जाते तो घुमाने ले जाते |
तो तैयार होते तो चल पड़ते |

(3)  उद्देश्यसूचक →

जैसे →  पुस्तक ले ली है ताकि पढ़ सकूँ |
खाना बना दिया है जिससे कि बच्चे खा सके |

(4)  स्वरूपसूचक →

→  श्रीमती नीलम अर्थात् आदर्श अध्यापिका |
→  सत्यवादी बलबीर जी मानो हरिश्चंद के अवतार हैं |

विस्मयादिबोधक अव्यय ( Vismayadibodhak Avyay )

जिन शब्दों के द्वारा विस्मय, भय, हर्ष, क्रोध, घृणा आदि भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं |

जैसे →
अरे ! मोहन आज विद्यालय नहीं गया |
शाबाश ! खूब पढ़ो |

विस्मयादिबोधक के भेद

(1)  विस्मयसूचक
(2)  हर्षसूचक
(3)  शोकसूचक
(4)  संबोधनसूचक
(5)  घृणासूचक
(6)  चेतावनीसूचक
(7)  स्वीकृतिसूचक
(8)  आशीर्वादसूचक
(9)  भयसूचक
(10) क्रोधसूचक




विस्मयसूचक

अरे ! रेखा नृत्य भी करती है |
अरी, अरे, ओहो, अहो, सच, क्या, आदि

हर्षसूचक

अहा! अब आएगा मज़ा
अहा!, वाह!, धन्य, आदि |

शोकसूचक

हाय ! बेचारे की झोपड़ी जल गयी |
ओह!, हाय!, आह!, उफ! राम! राम! हे राम ! आदि |

संबोधनसूचक 

अरे ! मोहन इधर आना
अजी, हे, अरे, सुनते हो

घृणासूचक 

छि: ! कैसी गंदगी पड़ी है |
छि: ! छि: !, हट ! आदि |

चेतावनीसूचक

सावधान ! आगे खतरा है |
खबरदान, बचो, सावधान

स्वीकृतिसूचक

हाँ ! तुम जयपुर चली जाओ |
अच्छा, ठीक, हाँ |

आशीर्वादसूचक

सदा खुश रहो! चिर सौभाग्यवती बनो !
शाबाश, जीते रहो, खुश रहो |

भयसूचक 

बाप रे ! अब क्या होगा |
हाय! कोई बचाए उसे |
हाय! बाप रे !

क्रोधसूचक 

अरे! चुप रहते हो की लगाऊँगा |
अरे, चुप, खामोश, अबे

निपात (Nipat)

जिन अव्यय शब्दों का प्रयोग किसी शब्द पर विशेष बल देने के लिए किया जाता है, उन्हें निपात कहते हैं |

→   मत, मात्र, तक, भी, ही, तो, भर, केवल आदि मुख्य निपात हैं |

(1)  राधा ने ही मुझे पुस्तक दी है |
(2)  राधा ने मुझे पुस्तक दी है |
(3)  राधा ने मुझे पुस्तक ही दी है |




FAQs on Avyay Avikari Shabd in Hindi

प्र.1.  क्रियाविशेषण के कितने भेद होते हैं ?
उत्तर = चार भेद होते हैं |

प्र.2.  ‘मोहन सामने रहता है |’ उक्त वाक्य में क्रियाविशेषण का भेद बताइए –
उत्तर = स्थानवाचक क्रियाविशेषण

प्र.3.  ‘निबंध लिखिए अथवा कविता लिखिए |’ उक्त वाक्य में अव्यय शब्द बताइए –
उत्तर = ‘अथवा’

प्र.4.  राधा ऊपर खेल रही है | उक्त वाक्य में अव्यय का कौनसा भेद है ?
उत्तर = क्रियाविशेषण

प्र.5. समुच्चयबोधक अव्यय के कितने भेद होते है ?
उत्तर = दो भेद

प्र.6.  रेखा ने मुझे साड़ी ही दी थी उक्त वाक्य में से निपात बताइए –
उत्तर = ‘ही’

प्र.7.  निपात किसे कहते हैं ?
उत्तर = ऐसे अव्यय शब्द जो वाक्य में किसी पद के साथ आकर उसे विशेष बल प्रदान करते हैं, निपात कहलाते हैं |

Hindi Vyakaran Class 8 Notes

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