Vakya Vishleshan in Hindi – रचना के आधार पर बने वाक्यों को उनके अंगों सहित अलग कर उनका परस्पर सम्बन्ध बताना वाक्य विश्लेषण कहलाता है।
Table of contents
सरल/साधारण वाक्य का विश्लेषण ( Saral Sadharan Vakya ka Vishleshan )
→ सबसे पहले इसमें वाक्य के दो अंग – उद्देश्य तथा विधेय को बताना होता है।
→ उद्देश्य के अंग – कर्ता व कर्ता का विस्तार
→ विधेय के अन्तर्गत कर्म व कर्म का विस्तारक, पूरक, पूरक का विस्तारक।
जैसे →
- मेरा भाई तरुण धार्मिक बहुत पुस्तके पढ़ता है।

विधेय

- मेरी बहन राधा धार्मिक पुस्तकें बहुत पढ़ती है।

विधेय

मिश्र या मिश्रित वाक्य का विश्लेषण ( Mishr ya Mishrit Vakya ka Vishleshan )
मिश्रित या मिश्र वाक्य के विश्लेषण में उसके प्रधान तथा आश्रित उपवाक्य एवं उसके प्रकार का उल्लेख किया जाता है।
जैसे → 1. वेदान्त ने कहा कि मैं दिल्ली नहीं जाऊँगा।

जो परिश्रम करते हैं, वे सफल होते हैं।

संयुक्त वाक्य का वाक्य विश्लेषण
संयुक्त वाक्य के विश्लेषण में साधारण या प्रधान उपवाक्य के उल्लेख के साथ उन्हें जोड़ने वाले योजक शब्द के विषय में नहीं बताना होता है।
जैसे → कृष्ण बाँसुरी बजाते थे और राधा नाचती थी।
साधारण वाक्य/प्रधान उपवाक्य
→ (अ) कृष्ण बाँसुरी बजाते थे
(ब) राधा नाचती थी।