NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 – Kar Chale Hum Fida

CBSE NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Kar chale hum fida (कर चले हम फ़िदा)

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 कर चले हम फ़िदा have been explained in a simple and easy to understand language in order to create NCERT Solutions for Class 10 series. Here we are sharing NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Kar Chale Hum Fida Questions Answers.

Textbook Hindi Class 10 Sparsh (स्पर्श भाग 2)
Chapter 8 – Kar chale hum fida (कर चले हम फ़िदा)
Author Kaifi Azami (कैफी आज़मी)
Khand Padh Khand (पद्य खंड)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

1. क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?

उत्तर:- हां, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। प्रस्तुत गीत भारत-चीन की ऐतिहासिक लड़ाई, जिसमें भारत के वीर सिपाहियों ने उनका बड़ी ही बहादुरी से मुकाबला किया था, पर आधारित, चेतन आनंद द्वारा बनाई गई फिल्म ‘हकीकत’ से लिया गया है।

2. ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?

उत्तर:- हिमालय को भारत देश के सिर का ताज माना जाता है और यह भारत के मान-सम्मान का प्रतीक है; जिसकी सुरक्षा के लिए यहां के जांबाज सिपाही अपना जीवन दांव पर लगा देते हैं। प्रस्तुत गीत भारत-चीन के ऐतिहासिक युद्ध पर लिखा गया है, जो हिमालय की बर्फीली चोटियों पर लड़ा गया था। इसलिए इसमें एक वीर सिपाही शहीद होने से पहले अपने साथियों को कहता है कि हमने अपनी जान लगा दी, लेकिन दुश्मन के आगे हिमालय का सर अर्थात् भारत का सर नहीं झुकने दिया।

3. इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है?

उत्तर:- इस गीत में धरती को दुल्हन इसलिए कहा है क्योंकि इस युद्ध के दिन कई वीर सिपाहियों ने अपनी जान गंवाई थी और उनके खून से धरती लाल होकर दुल्हन की तरह सजी हुई प्रतीत हो रही थी। जिस प्रकार दुल्हन की रक्षा करना दूल्हे का कर्तव्य होता है, उसी प्रकार मातृभूमि की रक्षा करना हर सिपाही का धर्म होता है और इसीलिए धरती यानी अपनी दुल्हन की रक्षा करते हुए उन्होंने अपनी जान गवां दी।

4. गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?

उत्तर:- गेयता, संगीतात्मकता, लयबद्धता, आदि तो हर गीत की खासियत होती है, लेकिन जिन गीतों में दिल को छू लेने वाले, भावनात्मक, जीवन से जुड़े हुए, मार्मिक, सच्चे और आत्मीय बोल होते हैं, वे गीत जीवन भर याद रहते हैं। प्रस्तुत गीत ‘कर चले हम फ़िदा’ में वीर सिपाहियों के मन की भावनाएं स्पष्ट रुप से झलकती है। यह गीत सिपाहियों के मन में बसी बलिदान और स्नेह की भावना को बड़े ही लयबद्ध और सहज रूप से प्रकट करता है; इसलिए यह किसी व्यक्ति-विशेष का गीत न बनकर भारत के सभी लोगों का गीत बन गया है।

5. कवि ने ‘साथियों’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?

उत्तर:- कवि ने “साथियों” संबोधन का प्रयोग अपने सैनिक-साथियों व बाकी देशवासियों के लिए किया है। उन्होंने सभी देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा है कि मातृभूमि की रक्षा के लिए हमने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया है और अब इसकी रक्षा की जिम्मेदारी तुम सब की है। कवि ने सभी देशवासियों को एकजुट होकर, डटकर दुश्मन का मुकाबला करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

6. कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?

उत्तर:- कवि ने इस कविता में देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के समूह के लिए काफ़िले शब्द का प्रयोग किया गया है। अपने देश की रक्षा के लिए शहीद होना बड़े ही गर्व की बात होती है और इसलिए कवि चाहता है कि उनके शहीद होने के बाद भी बलिदान का रास्ता हमेशा प्रगतिशील रहे और देश के लिए अपना जीवन कुर्बान करने वालों के काफ़िले हमेशा आगे बढ़ते रहे।

7. इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?

उत्तर:- प्रस्तुत गीत में ‘सर पर कफ़न बांधना’ वाक्यांश का प्रयोग उन बहादुर सिपाहियों के लिए किया है, जो मौत से भी नहीं डरते, अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण दांव पर लगा देते हैं और निडर होकर दुश्मन का सामना करते हैं।




8. इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए?

उत्तर:- प्रस्तुत गीत सन 1962 के भारत-चीन के ऐतिहासिक युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘हकीकत’ के लिए लिखा गया था। कवि इसके द्वारा संपूर्ण देश को प्रोत्साहित करना चाहता है। उस समय चीन ने तिब्बत की ओर से आक्रमण किया था। भारत के बहादुर सिपाहियों ने इस आक्रमण का मुकाबला बड़ी ही वीरता से किया था। इस गीत के माध्यम से कवि ने उन वीर सिपाहियों के मन में बसे देशप्रेम और बलिदान की भावना को व्यक्त किया है। उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान गवां दी है और जाने से पहले वे अपने साथियों को कह रहे हैं कि अब देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारी है और तुम्हें भी निडर होकर अपना सर्वस्व देश पर न्योछावर करना होगा व इसके मान सम्मान की रक्षा करनी पड़ेगी।

CBSE NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Kar chale hum fida – निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

1. साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारत के वीर सैनिकों के जज्बे और साहस की सराहना की है। उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक देश की रक्षा की। हिमालय की उस बर्फ़ीली ठंड में उनकी सांसें थमने लग गई थी और खून व नसें जमने लग गई थी, लेकिन फिर भी वे इन सबकी परवाह किए बिना आगे बढ़ते रहे, दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया और देश के मान-सम्मान के लिए हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर करते गए।

2. खींच दो अपने खूँ से ज़मीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भारत के वीर सैनिकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा है कि जिस प्रकार लक्ष्मण ने सीताजी को रावण से बचाने के लिए लक्ष्मणरेखा बनाई थी, उसी प्रकार तुम्हें भी रावण-रूपी शत्रुओं से अपनी मातृभूमि को बचाने के लिए शहीद होकर, अपने खून से लक्ष्मण-रेखा बनानी पड़ेगी।

3. छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियों

उत्तर:- कवि वीर सिपाहियों को कह रहा है कि भारत-भूमि का सम्मान सीताजी की पवित्रता के समान है और तुम्हें अपने प्राणों को कुर्बान करके अपनी मातृभूमि के सम्मान की रक्षा, राम और लक्ष्मण की तरह करनी पड़ेगी। अत: राम तथा लक्ष्मण- दोनों का कर्तव्य हमें ही निभाना है और हमें इतना सक्रिय होकर यह काम करना होगा कि कोई भी दुश्मन देश की सीमा में प्रवेश न कर सके।

CBSE NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Kar chale hum fida – भाषा-अध्ययन

1. इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए हैं। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे।

उत्तर:- 

(क). युद्ध के समय सैकड़ों सैनिकों के सर कट गए।
(ख). एवरेस्ट की बर्फीली वादियों में नब्ज़ जमा देने वाली कड़ाके की ठंड होती है।
(ग). सैनिकों के लिए युद्ध का समय, जान देने की रुत के समान होता है।
(घ). सभा में धीरे-धीरे सबके हाथ श्याम के पक्ष में उठ गए।

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh

  1. कबीर – साखी
  2. मीरा – पद
  3. बिहारी – दोहे
  4. मैथिलीशरण गुप्त – मनुष्यता
  5. सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस
  6. महादेवी वर्मा – मधुर मधुर मेरे दीपक जल
  7. वीरेन डंगवाल – तोप 
  8. कैफी आज़मी – कर चले हम फ़िदा
  9. रवींद्रनाथ ठाकुर – आत्मत्राण
  10. प्रेमचंद्र – बड़े भाई साहब
  11. सीताराम सेकसरिया – डायरी का एक पन्ना
  12. लीलाधर मंडलोई – ततांरा-वामीरो कथा
  13. प्रहलाद अग्रवाल – तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
  14. अंतोन चेखव – गिरगिट
  15. निदा फ़ाज़ली – अब कहां दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
  16. रविन्द्र केलेकर – पतझर में टूटी पत्तियां
  17. हबीब तनवीर – कारतूस

 

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