उत्पत्ति या स्त्रोत के आधार पर शब्दों के दो भेद हैं :- तत्सम तद्भव शब्द ( Tatsam Tadbhav Shabd )
- तत्सम शब्द
- तद्भव शब्द
तत्सम तद्भव शब्द ( Tatsam tadbhav shabd )
(1) तत्सम शब्द (Tatsam Shabd)
→ तत् + सम
तत् (उसके) + सम (समान) = उसके समान
→ संस्कृत के दो शब्द हिंदी में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं |
जैसे – अग्नि, आम्र, अमूल्य, चंद्र, क्षेत्र, अज्ञान, अन्धकार आदि |
(2) तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd)
→ “तद्भव” शब्द का निर्माण दो शब्दों के मेल से हुआ है – तद् + भव
→ तद् (उससे) + भव (उत्पन्न) = उससे उत्पन्न
→ संस्कृत भाषा के वे शब्द, जिनका हिंदी में रूप परिवर्तन कर उच्चारण की सुविधानुसार प्रयुक्त किया जाने लगा, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं |
जैसे – अमोल, अँधेरा, गाँव, ऊँट, केला, आग, धरम, चाँद, प्रगट पूत आदि |
Hindi Grammar Class 10 – Notes
- क्रिया (सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया )
- काल – काल के भेद
- प्रत्यय – प्रत्यय के प्रकार
- उपसर्ग – उपसर्ग के भेद
- सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
- अलंकार – अलंकार के भेद
- मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ
- विराम चिहन
- उपवाक्य
- अव्यय – अव्यय के प्रकार
- कारक – कारक के भेद
- वाक्य विश्लेषण
- वाक्य संश्लेषण
- विशेषण – विशेषण के भेद
- तत्सम – तद्भव शब्द
- अर्थ विचार
- शुद्ध वर्तनी
- समास – समास के भेद
- वाच्य – वाच्य के भेद
- वाच्य परिवर्तन
- पद-परिचय
- वचन
- रस – रस के अंग या भाव
- वाक्य
- लिंग – लिंग के भेद
3 thoughts on “Tatsam Tadbhav Shabd”
Very helpful
यह बहुत मदद गार है
Many Thanks Aman Patel