Vartaman kaal | Vartaman kaal ke bhed

Vartaman kaal or Vartaman kaal ke bhed in Hindi

क्रिया के जिस रूप से वर्तमान समय में क्रिया का होना पाया जाये, अथवा क्रिया के जिस रूप से चल रहे समय का बोध हो, उसे वर्तमान काल कहते हैं।

जैसे →

  1. मैं समय-सारणी देखकर काॅपी-किताबें बस्ते में रख रहा हूँ।
  2. मेरे पापा कंप्यूटर पर काम कर रहे है।
    इस प्रकार से हम देखते हैं कि उपर्युक्त वाक्यों में क्रियाएँ अभी चल रही हैं। इन वर्तमान काल का बोध हो रहा ह, अतः ये वर्तमान काल है।

वर्तमान काल के भेद ( Vartaman Kaal ke bhed )

वर्तमान काल के पाँच भेद होते हैं-

  1. सामान्य वर्तमान काल
  2. अपूर्ण वर्तमान काल
  3. संदिग्ध वर्तमान काल
  4. संभाव्य वर्तमान काल
  5. आशार्थ वर्तमान काल




सामान्य वर्तमान काल (Samanya Vartaman Kaal)

क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमान काल में सामान्य रूप से घटित होने का पता चले, उस काल को सामान्य वर्तमान काल कहते हैं-
→ सामान्य वर्तमान काल में क्रिया के साथ ता, ते, ती है, हूँ, हो आदि का प्रयोग होता है।

जैसे →

  1.  गरिमा कविता लिखती है।
  2. चिडि़या आसमान में उड़ती है।

अपूर्ण वर्तमान काल (Apurna Vartaman Kaal)

क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया अभी समाप्त नहीं हुई, अभी चल रही है, उस काल को अपूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।
→ अपूर्ण वर्तमान काल मंे क्रिया के साथ ‘रहा है’, ‘रही है’, ‘रहे हैं’ आदि आते हैं।

जैसे →

  1. प्रशान्त खेल रहा है।
  2. अनिल साइकिल चला रहा है।

संदिग्ध वर्तमान काल (Sandigdh Vartaman kaal)

जब क्रिया के वर्तमान काल में होने पर संदेह हो, वहाँ संदिग्ध वर्तमान काल होता है।
→ इसमें क्रिया के साथ ता, ती, ते के साथ ‘होगा’, ‘होगी’, ‘होंगे’ का भी प्रयोग होता है।
जैसे →

  1. अभय खेत में काम करता होगा।
  2. नेता जी भाषण दे रहे होंगे।

संभाव्य वर्तमान (Sambhavya Vartaman Kaal)

जिस क्रिया से वर्तमान समय की अपूर्ण क्रिया की संभावना या आशंका व्यक्त हो, वहाँ संभाव्य वर्तमान काल होता है।

जैसे →

  1.  शायद आज पिताजी आते हों।
  2. मुझे डर है कि कहीं कोई हमारी बात सुनता न हो।

आशार्थ वर्तमान काल (Asaarth Vartaman Kaal)

क्रिया को वर्तमान समय में ही चलाने की आशा का बोध कराने वाला रूप आशार्थ वर्तमान काल कहलाता है।

जैसे →

  1.   राधा, तू, नाच।
  2. मोहन, किताब पढ़ो।

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