Bhootkaal – Bhootkaal ke bhed

Bhootkaal or Bhootkaal ke bhed in Hindi

क्रिया के जिस रूप से बीते हुए समय का बोध हो या वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के जिस रूप से बीते समय में (भूत) क्रिया का होना पाया जाता है। उसे हम भूतकाल कहते है।

भूतकाल के भेद ( Bhootkaal ke bhed in Hindi)

भूतकाल के 6 उपभेद किये जाते हैं-

  1. सामान्य भूतकाल
  2. आसन्न भूतकाल
  3. अपूर्ण भूतकाल
  4. पूर्ण भूतकाल
  5. संदिग्ध भूतकाल
  6. हेतु हेतुमद् भूत




सामान्य भूतकाल (Samanya Bhootkaal)

जब क्रिया के व्यापार की समाप्ति सामान्य रूप से बीते हुए समय में होती है, किन्तु इससे यह बोध नहीं होता कि क्रिया समाप्त हुए थोड़ी देर हुई है या अधिक वहाँ सामान्य भूत होता है।
जैसे →

  1. नेता जी ने भाषण दिया।
  2. अकबर ने पुस्तक पढ़ी।
  3. कुसुम घर गयी।

आसन्न भूत (Aasan Bhootkaal)

आसन्न का अर्थ है – समीप, निकट।
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि क्रिया अभी-अभी कुछ समय पूर्व ही समाप्त हुई ह, वहाँ आसन्न भूत होता है।
अतः सामान्य भूत के क्रिया रूप के साथ ‘है’/‘हैं’ के योग से आसन्न भूत का रूप बन जाता है।

जैसे →

  1. कुसुम घर गयी है।
  2. अकबर ने पुस्तक पढ़ी है।
  3. नेता जी ने भाषण दिया है।




पूर्ण भूत (Purna Bhootkaal)

क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि काम भूतकाल में ही पूरा हो चुका था, वहाँ पूर्ण भूतकाल होता है।
अतः सामान्य भूत क्रिया के साथ था, थी, थे लगने से पूर्ण भूत बन जाता है।

जैसे →

  1. नीता ने खाना बनाया था।
  2. 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।

अपूर्ण भूत (Apurna Bhootkaal)

क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि क्रिया भूत काल में हो रही थी, किंतु यह पता नहीं चलता कि कार्य समाप्त हुआ है या नही, वह काल अपूर्ण भूत काल कहलाता है।

जैसे →

  1. सचिन बल्लेबाजी कर रहा था।
  2. पाकिस्तान की टीम बल्लेबाज़ी कर रही थी।

संदिग्ध भूतकाल (Sandigdh Bhootkaal)

बीते हुए समय में जिस काम के होने के विषय में संदेह हो, वहाँ संदिग्ध भूत काल होता है।
सामान्य भूत की क्रिया के साथ होगा, होगी, होंगे लगने से ‘संदिग्ध भूत’ का रूप बन जाता है।

जैसे →

  1. अनवर गया होगा।
  2. राम हरिद्वार पहुँच गया होगा।

हेतु हेतुमद् भूतकाल (Hetu hetu mad Bhootkaal)

भूतकाल की एक क्रिया दूसरी क्रिया पर आश्रित होती है, तो वहाँ हेतहेतुमद् भूतकाल होता है। इसमे दो क्रियाओं का होना आवश्यक है।
जैसे →

  1. पेड़-पौधे अधिक लगाते तो इतना प्रदूषण नहीं होता।
  2. अपने-आप को स्वच्छ रखते तो अस्वस्थ नहीं होते।

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