Vachya Hindi Grammar Class 10

वाच्य और वाच्य के भेद (Vachya or Vachya ke bhed Hindi Grammar Class 10) – कर्तृवाच्य (Kritya Vachya), कर्मवाच्य (Karm Vachya), भाववाच्य (Bhav Vachya)

‘वाच्य’ → ‘बोलने का विषय’

वाच्य की परिभाषा

क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि वह वाच्य में किसके अनुसार (कर्ता, कर्म, भाव) प्रयुक्त की गई है, उसे ‘वाच्य’ कहते हैं।

वाच्य में तीन की प्रधानता होती है
1. कर्ता
2. कर्म
3. भाव

जैसे →
1. राधा क्रिकेट खेलती है। (क्रिया कर्ता के अनुसार)
2. राधा द्वारा क्रिकेट खेला जाता है। (क्रिया कर्म के अनुसार)
3. राधा से क्रिकेट खेला जाता है। (क्रिया भाव के अनुसार)



वाच्य के भेद (Vachya ke bhed Hindi Grammar Class 10)

1. कर्तृवाच्य
2. कर्मवाच्य
3. भाववाच्य

कर्तृ वाच्य (Kritya Vachya)

जहाँ क्रिया का संबंध सीधा कर्ता से हो तथा क्रिया का लिंग तथा वचन कर्ता के अनुसार ही उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं।

कर्तृ वाच्य (Kritya Vachya)

उपर्युक्त वाक्यों में ‘रेखा’ और ‘मोहन’ कर्ता हैं, इनके द्वारा की गई क्रियाएँ’ ‘पढ़ाती हैं’ और ‘खाता हैं’ कर्ता के लिंग और वचन के अनुरूप ही हैं। अतः ये ‘कर्तृवाच्य’ हैं।

कर्मवाच्य (Karm Vachya)

जहाँ क्रिया का संबंध सीधा कर्म से हो तथा क्रिया का लिंग तथा वचन कर्म के अनुसार हो, उसे कर्म वाच्य कहते हैं।
जैसे→
1. सीता ने दूध पीया।
2. सीता ने पत्र लिखा।
→ पहले वाक्य में ‘पीया’ क्रिया का एकवचन, ‘पुल्लिंग’ रूप ‘दूध’ कर्म के अनुसार आया है।
→ दूसरे वाक्य में ‘लिखा’ क्रिया का एकवचन, ‘पुल्लिंग’ रूप ‘पत्र’ कर्म के अनुसार आया है।
विशेष → कर्मवाच्य सदैव सकर्मक क्रिया का ही होता है।

भाववाच्य (Bhav Vachya)

जहाँ कर्ता और कर्म की नहीं बल्कि भाव की प्रधानता हो, उस वाक्य को भाव वाच्य कहते हैं।
जैसे→
1. नानी जी से चला नहीं जाता।
2. मरीज़ से उठा नहीं जाता।
विशेष → 1. भाववाच्य का प्रयोग विवशता, असमर्थता व्यक्त करने के लिए होता है।
2. भाववाच्य में प्रायः अकर्मक क्रिया होता है।
3. भाववाच्य में क्रिया सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग और एकवचन में होती है।

Hindi Grammar Class 10 – Notes

  1. क्रिया (सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया )
  2. काल – काल के भेद
  3. प्रत्यय – प्रत्यय के प्रकार
  4. उपसर्ग – उपसर्ग के भेद
  5. सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
  6. अलंकार – अलंकार के भेद
  7. मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ
  8. विराम चिहन
  9. उपवाक्य
  10. अव्यय – अव्यय के प्रकार
  11. कारक – कारक के भेद
  12. वाक्य विश्लेषण
  13. वाक्य संश्लेषण
  14. विशेषण – विशेषण के भेद
  15. तत्सम – तद्भव शब्द
  16. अर्थ विचार
  17. शुद्ध वर्तनी
  18. समास – समास के भेद
  19. वाच्य –  वाच्य के भेद
  20. वाच्य परिवर्तन
  21. पद-परिचय
  22. वचन
  23. रस – रस के अंग या भाव
  24. वाक्य
  25. लिंग – लिंग के भेद

28 thoughts on “Vachya Hindi Grammar Class 10”

  1. Thanks. My exams are today. This is so nice explanation in short to understand. Now I understood it. Also I understood their conversion. The main confusion occurs in Bhao-Vachya. But it didn’t. Thanks…
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