Samuchaya bodhak Avyay

Samuchaya bodhak Avyay or Samuchaya bodhak Avyay ke bhed in Hindi (समुच्चय बोधक अव्यय)

समुच्चय बोधक अव्यय – वे अव्यय शब्द, जो दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय या संयोजक शब्द कहते हैं |
जैसे → राम और मोहन विद्यालय गए |
→   गीता और सीता खाना खा रही है |

Samuchaya bodhak Avyay ke bhed in Hindi

Samuchaya bodhak Avyay ke bhed in Hindi

समानाधिकरण समुच्चयबोधक (Samanadhikaran Samuchaya bodhak)

विरोध सूचक → पर, परन्तु, किंतु, लेकिन, मगर, बल्कि आदि |
उदाहरण सुरेश मेहनती नहीं है फिर भी पास हो जाता है |
पुलिस चोर के पीछे भागी परन्तु वह चकमा देकर निकल गया |
गीता सुन्दर नहीं है पर बुद्धिमती है |

संयोजक → और, तथा एवं
जैसे
→पिताजी तथा चाचा जी आ रहे हैं |
राम, लक्ष्मण और सीता वन को गए |
राधा एवं दीदी नृत्य में निपुण हैं |




विकल्पबोधक / विभाजक → या, अथवा, चाहे, आदि |
जैसे→आप रोटी खाएँगे या खिचड़ी खाएँगे |
→   आप घूमने जाएँगे  अथवा आराम करेंगे |

परिणाम दर्शक → अत:, फलत:, इसलिए, अतएव परिणामस्वरूप, वरना, अन्यथा आदि |
मेहनत करो अन्यथा असफल हो जाओगे |
महेश ने चोरी की इसलिए उसे पुलिस ले गई |

व्याधिकरण समुच्चयबोधक

जो योजक शब्द एक या अधिक आश्रित उपवाक्यों को प्रधान वाक्य से जोड़ते हैं वे व्याधिकरण समुच्चयबोधक कहलाते हैं |
जैसे→ वे सफल होते है, जो परिश्रम करते हैं |
→   मोहन को गाड़ी नहीं मिली क्योंकि वह समय पर नहीं गया |

कारणमूलक → क्योंकि, चूंकि, इसलिए, कि ताकि आदि |
उदाहरण छात्र विद्यालय नहीं जा पायेगा क्योंकि वह बीमार है |
वेदांत व्यस्त था इसलिए बाजार न जा सका |

संकेतबोधक   यद्दपि-तथापि, यदि, तो यद्दपि-परन्तु, जब-तब…. तब–तक |
उदाहरण यद्दपि राम ने मेहनत की परन्तु सफलता नहीं मिली |
यदि तुम सोच-विचार कर काम करोगे तो फल अच्छा होगा |

स्वरुप बोधक → अर्थात्, यानि, मानो |
जैसे →  राधा तो गाय है, अर्थात् सीधी है |
राजेश गाँधीवादी है अर्थात् अहिंसा का पुजारी है |
सीता का मुख चन्द्रमा के समान है अर्थात् बहुत सुन्दर है |

उद्देश्य सूचक → ताकि, इसलिए, जिससे, कि
उदाहरण पाठ पढ़ लिया है जिससे अध्यापक की मार न पड़े |
सामान ले लिया है ताकि दो दिन आराम से रूक सकूँ |
नानी पहले आ गई हैं जिससे कि विवाह की तैयारी करा सकें |
राधा बीमार है इसलिए आराम कर रही है |

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