Samas or Samas ke bhed in Hindi Class 10
Samas in Hindi Class 10 – समास की परिभाषा – समास शब्द का शाब्दिक अर्थ → संक्षेप या संक्षिप्त करना है। अर्थात् दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समास कहते हैं।
जैसे → दिन और रात
= दिन-रात
समास के भेद ( Samas Ke Bhed in Hindi )
समास के 6 भेद होते है|
- अव्ययी भाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द समास
- बहुव्रीहि समास
अव्ययी भाव समास ( Avyay bhav Samas in Hindi)
→ जिस समास का पहला पद अव्यय होता है, उसे अव्ययी भाव समास कहते है।
→ पहला पद प्रधान होता है।
→ पहला पद या पूरा पद अव्यय होता है।
→ इस समास का प्रथम पद उपसर्ग होता है।
→ यदि एक शब्द की पुनरावृत्ति हो और दोनों शब्द मिलकर अव्यय की तरह प्रयुक्त होते है।
जैसे →
- यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार
- निरोग = रोग से रहित
- प्रतिदिन = प्रत्येक दिन
- एक-एक (एकाएक) = एक के बाद एक
- खासमखास = बहुत खास
- आमरण = मरने तक
- निर्विवाद = बिना विवाद के
- प्रत्यक्ष = अक्षियों के सामने
तत्पुरुष समास ( Tatpurush Samas in Hindi)
तत्पुरुष शब्द = तत् + पुरुष के योग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘उसका पुरुष’
(1) तत्पुरुष समास मंे दूसरा पद प्रधान होता है अर्थात् विभक्ति का लिंग, वचन दूसरे पद के अनुसार होता है।
(2) तत्पुरुष समास में कारक विभक्तियों का प्रयोग होता है परन्तु ‘कर्ता’ व ‘सम्बोधन’कारक की विभक्तियों इसमें नहीं आती।
तत्पुरुष समास के 7 भेद होते है |
- कर्म तत्पुरुष (को)
- करण तत्पुरुष (से, के द्वारा)
- सम्प्रदान तत्पुरुष (के लिए)
- अपादान तत्पुरुष (‘से’)
- सम्बन्ध तत्पुरुष (का, की, के)
- अधिकरण तत्पुरुष समास (मे, पर)
- नञ तत्पुरुष
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कर्मधारय समास ( Karmadharaya Samas in Hindi)
जिस समास का प्रथम पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य।
→ उपमान (जिससे तुलना की जाती) उपमेय (जिसकी तुलना की जाती हैै) होता है वहाँ कर्मधारय समास होता है।
→ कर्मधारय समास के विग्रह में ‘है जो’, ‘के समान है जो तथा ‘रूपी’ शब्दों का प्रयोग होता है।
जैसे → चन्द्रमुख = चन्द्रमा के समान है जो
क्रोधाग्नि = क्रोध रूपी अग्नि
द्विगु समास ( Dvigu Samas )
द्विगु समास का शाब्दिक अर्थ होता है = दो गायों का समूह
जिस समास का पहला पद संख्यावाची होता है, उसे द्विगु समास कहते है।
→ द्विगु समास में संख्याओं का समाहार (समूह) होता है।
→ द्विगु समास में 1 से 10, 20 ………. 100, 200 ……… 1000 तक संख्याएँ आती है।
जैसे →
पंजाब = पंच आबों का समूह
शताब्दी = शत अब्दीयों का समूह
नवरात्र = नौ रात्रीयों का समूह
पखवाड़ा = 15 दिनों का समूह
सतसई = सात सौ दोहों का समूह
चवन्नी = चार आनों का समूह
द्वन्द समास (Dwand Samas in Hindi)
जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वन्द समास कहते है।
→ इस समास के विग्रह में ‘और’ तथा ‘या’ शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं।
जैसे →
माता-पिता = माता और पिता
सुरासुर = सुर या असुर
शीतोष्ण = शीत या उष्ण
छब्बीस = छः और बीस
अठारह = आठ और दस
कृष्णार्जुन = कृष्ण और अर्जुन
बहुव्रीहि समास ( Bahuvrihi Samas )
ब्रीहि का शाब्दिक अर्थ होता है → चावल
परिभाषा → जिस समास में पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही गौण हो और अन्य पद प्रधान हो और उनके शाब्दिक अर्थ को छोड़कर एक नया अर्थ निकाला जाता है, वह बहुव्रीहि समास कहलाता है।
→ बहुव्रीहि समास के विग्रह में – है जिसका, है जिसकी, जो, है जिसके शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
जैसे →
गजानन = गज का है आनन जिसका (गणेश)
घनश्याम = घन जैसा श्याम है जो वह (कृष्ण)
पीताम्बर = पीत है अम्बर जिसके (विष्णु, कृष्ण)
जलज = जल में जन्मने वाला है जो वह (कमल)
दिगम्बर = दिशाएँ ही हैं जिसका अम्बर ऐसा वह
चर्तुभुज = चार है भुजाए जिसकी अर्थात् विष्णु
निम्न सामासिक शब्दों का विग्रह दो प्रकार से होकर दो भिन्न समासों का बोध कराते हैं-
- पीताम्बर → पीत है जो अम्बर
उत्तर → कर्मधारय
पीताम्बर → पीत अम्बर हैं जिसके वह (विष्णु)
उत्तर → बहुब्रीहि समास - चतुर्भुज → चार भुजाएँ हैं, जिसकी वह (विष्णु)
उत्तर → बहुब्रीहि समास
चतुर्भुज → चार भुजाओं का समाहार (रेखीय आकृति)
उत्तर → द्विगु समास
- घन-श्याम → घन जैसा श्याम
उत्तर → कर्मधारय समास
घन-श्याम → घन जैसा श्याम है जो वह (कृष्ण)
उत्तर → बहुब्रीहि समास - नील-लोहित → नीला है लहू, जिसका वह
उत्तर → बहुब्रीहि समास
नील-लोहित → नीला और लोहित (लाल)
उत्तर → द्वन्द्व समास
Hindi Grammar Class 10 – Notes
- क्रिया (सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया )
- काल – काल के भेद
- प्रत्यय – प्रत्यय के प्रकार
- उपसर्ग – उपसर्ग के भेद
- सर्वनाम – सर्वनाम के भेद
- अलंकार – अलंकार के भेद
- मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ
- विराम चिहन
- उपवाक्य
- अव्यय – अव्यय के प्रकार
- कारक – कारक के भेद
- वाक्य विश्लेषण
- वाक्य संश्लेषण
- विशेषण – विशेषण के भेद
- तत्सम – तद्भव शब्द
- अर्थ विचार
- शुद्ध वर्तनी
- समास – समास के भेद
- वाच्य – वाच्य के भेद
- वाच्य परिवर्तन
- पद-परिचय
- वचन
- रस – रस के अंग या भाव
- वाक्य
- लिंग – लिंग के भेद
22 thoughts on “Samas or Samas ke bhed in Hindi”
Thanks it helped me♡♡♡♡♡♡♡▪
Nice like ice
Thanks
Thanku
Thanks. It helped me very much
Thanq it helped me ?
Thanks it really help me a lot for my coming hindi board exam on Tuesday. Thank u very much
Same here
Hey all the best.dude….and for me also as I am also writing board exam….
Well thanks
Ab mein itna bhi kuch khas nahi
Thank you it really helped me alot
Thanks a lot. Especially with all the examples it was really helpful.
Nice..very very helpful??
Thanks
Thanks to the great manual
सर, हीनभावना शब्द में कौनसा समास है।
Thanks
SAMBANDH TATPURUSH , BECAUSE IF WE SPLIT IT THN WE CAN ALSO SAY IT AS ” HIN KI BHAVNA” …..AND KI, KA AND KE USESE COMES UNDER THIS.
Thnks you passed me in exam ☺☺☺
Tomorrow is my exam it make me prepare for my exam.☺️☺️☺️
So helpful
Thanks for helping me for my exams