Saral Kriya & Namik Kriya

Saral Kriya in Hindi (सरल क्रिया) or Namik Kriya (नामिक क्रिया/मिश्र क्रिया)

सरल क्रिया/मूल क्रिया (Saral Kriya or Mul Kriya)

सरल क्रिया उसे कहते हैं जो भाषा में रूढ शब्दों की तरह प्रचलित होती है।
इस क्रिया का हम मूल क्रिया भी कहते हैं।
→ क्योंकि न तो यह क्रिया किसी अन्य क्रिया से व्युत्पन्न हुई है और न ही    एक से अधिक क्रिया रूपों के योग से बनी है इसीलिए इसे हम मूल         क्रिया कहते हैं।
→ सरल क्रियाओं में आने वाली धातुएँ सरल या मूल धातु कही जाती हैं।
जैसे – आना, जाना, लिखना, पढ़ना आदि।

Saral Kriya in Hindi or Namik Kriya in Hindi – Video Explanation




नामिक क्रिया/मिश्र क्रिया (Namik Kriya or Mishra Kriya)

मिश्र क्रिया के अंतर्गत पहला अंश संज्ञा, विशेषण या क्रियाविशेषण का होता है तथा दूसरा अंश क्रिया का होता है।
क्रिया वाले अंश के क्रिया में क्रिया कर कहा जाता है।
जैसे →
संज्ञा अंश वाली मिश्रक्रिया
मूलांश + क्रियाकर = मिश्रक्रिया
याद + आना = याद आना
भूख +  लगना = भूख लगना

विशेषण अंश वाली मिश्र क्रिया
मूलांश + क्रियाकर = मिश्रक्रिया
बुरा +  लगना = बुरा लगना
सुंदर + दिखना = सुंदर दिखना

क्रियाविशेषण अंश वाली मिश्र क्रिया
मूलांश + क्रियाकर = मिश्र क्रिया
बाहर + करना = बाहर करना
भीतर +  करना = भीतर करना

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