Sanyukt Kriya or Ranjak Kriya

Sanyukt Kriya in Hindi (संयुक्त क्रिया) or Ranjak Kriya in Hindi (रंजक क्रिया)

रंजक क्रिया (Ranjak Kriya)

जब कोई क्रिया मुख्य क्रिया के साथ जुड़कर मुख्य क्रिया को और प्रभावशाली बनाती है, तब वह रंजक क्रिया कहलाती है।
जैसे →    1. महेश सिंह को रोना आ गया।
इसमे ‘आना’ ‘अतिशयता बोधक’ है।
रोना = मुख्य क्रिया
गया = सहायक क्रिया
आना = रंजक क्रिया

2. वह अधिकतर घूमा करता है।
घूमा = मुख्य क्रिया
है = सहायक क्रिया
करना = अभ्यास बोधक

उपरोक्त वाक्य में (क्रिया) ‘करता’ रंजक क्रिया है जो मुख्य क्रिया के साथ जुड़कर जो उसे प्रभावशाली बना रहा है।

विशेष→ प्रत्येक रंजक क्रिया का प्रयोग प्रत्येक मुख्य क्रिया के साथ नहीं किया जा सकता|
जैसे – आ धमकना
तो हो सकता है पर –
चल धमकना नहीं हो सकता

Sanyukt Kriya or Ranjak Kriya in Hindi – Video Explanation

संयुक्त क्रिया (Sanyukt Kriya)

हिंदी में क्रिया कभी एक पद द्वारा प्रकट होती है और कभी एक से अधिक पदों द्वारा|
1. मोहन आया
इसमें आया क्रिया एक पद वाली है|
2. मोहन आ चुका है|
उपरोक्त में आ चुका है  में तीन पद हैं = आ + चुका + है|
अतः हम कह सकते है कि

जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ आपस में मिलकर एक पूर्ण क्रिया बनाती हैं, तो उन्हें संयुक्त क्रिया कहते हैं।
जैसे →

(1) मैं दिल्ली गया था।
(2) सौम्या पढ़ रही है।

→  उपर्युक्त पहले वाक्य मे दो क्रियाएँ है = गया + था
→  दूसरे वाक्य में तीन क्रियाएँ मिलकर = पढ़ + रही + है। पूर्ण भाव का अभिव्यक्त कर रही हैं।
→  इस प्रकार एक से अधिक क्रिया होने तथा उसका संयुक्त रूप प्रयुक्त होने के कारण ये संयुक्त क्रियाएँ है।




निम्नलिखित वाक्य में से संयुक्त क्रिया (Sanyukt Kriya) छांटिए|

Q.1) राधा दौड़ रही है|
a) दौड़
b) रही है
c) है
d) दौड़ रही है

Q.2) मोहन क्रिकेट खेल चुका है|
a) खेल चुका है
b) चुका है
c) खेल
d) है

Q.3) सूरज पूरब से उगता है|
a) है
b) उगता
c) उगता है
d) पूरब

Q.4) राधा मिठाई बना रही है|
a) बना
b) बना रही है
c) रही
d) है

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