NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 – Shukra tare ke samne

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 – Shukra tare ke saman (शुक्रतारे के सामने)

Textbook Hindi Class 9 Sparsh (स्पर्श भाग 1)
Chapter 8 – Shukra tare ke saman (शुक्रतारे के सामने)
Author स्वामी आनंद (Swami Anand)
Khand Gadya Khand (गद्य- खंड)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

1. महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?

उत्तर:- महादेव भाई अपना परिचय गांधीजी के ‘हम्माल’ और उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।

2. ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?

उत्तर:- ‘यंग इंडिया’ में ‘क्रानिकल’ वाले हाॅर्नीमैन मुख्य रूप से लिखते थे, जिनको गांधी जी के साथ नज़दीकियों की वजह से देश-निकाला मिल गया था। इसके बाद यंग इंडिया साप्ताहिक में लेखों की कमी रहने लग गई थी।

3. गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

उत्तर:- जब गांधी जी के पास सत्याग्रह आंदोलन की वजह से काम ज्यादा बढ़ गया, तब उन्होंने निश्चय किया कि यंग इंडिया को हफ्ते में दो बार ही प्रकाशित किया जाएगा।

4. गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

उत्तर:- गांधीजी के पास आने से पहले अपनी विद्यार्थी अवस्था में महादेव ने सरकार के अनुवाद-विभाग में नौकरी की थी। इसके साथ-साथ उन्हें अहमदाबाद में वकालत की थी।

5. महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

उत्तर:- महादेव भाई का झोला हमेशा ताज़े-से-ताजे़ समाचार पत्रों, मासिक पत्रिकाओं और पुस्तकों से भरा रहता था।

6. महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?

उत्तर:- महादेव भाई ने गांधीजी की आत्मकथा- ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।

7. अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?

उत्तर:- यंग-इंडिया और नवजीवन- ये दो साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।




8. महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

उत्तर:- महादेव हर दिन में 17-18 घंटे काम करते थे।

9. महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

उत्तर:- महादेव भाई से गांधीजी की निकटता, गांधीजी द्वारा दोहराए जाने वाले निम्नलिखित वाक्य से सिद्ध होती है:

‘ए रे जखम जोगे नहि जशे’- यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 – Shukra tare ke saman

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

1. गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

उत्तर:- जब सन् 1917 में महादेव भाई गांधीजी के पास पहुंचे थे, तब गांधीजी ने उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया था अथवा जब सन् 1919 में जलियांवाला बाग के हत्याकांड के दिनों में गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया था, तब गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कहा था।

2. गाँधीजी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

उत्तर:- गांधीजी से मिलकर अंग्रेजों द्वारा किए जाने वाले जुल्मों और अत्याचारों की कहानियां बताने के लिए आने वाले पीड़ितों के दल गामदेवी के मणिभवन में उमड़ते थे। महादेव भाई उनकी बातों की संक्षिप्त टिप्पणियां तैयार करके उनको गांधीजी के सामने पेश करते थे और उन लोगों को गांधीजी से मिलवाते थे।




3. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?

उत्तर:- महादेव भाई गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर टिप्पणियां, लेख, व्याख्यान, प्रार्थना-प्रवचन, मुलाकातें, वार्तालापों पर टिप्पणियां, आदि लिखते थे। गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में हुआ करते थे। उनकी लिखी गई डायरी की अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं। वे यंग-इंडिया और नवजीवन- साप्ताहिक में भी लेख लिखा करते थे। उन्होंने गांधीजी की आत्मकथा- ‘सत्य के प्रयोग’ अथवा टैगोर द्वारा रचित विभिन्न लेखों का अनुवाद भी किया था।

4. महादेव के भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?

उत्तर:- सन् 1934-35 में महादेव भाई मगनवाड़ी में रहते थे और वहां से वर्धा की असह्य गर्मी में रोज सुबह पैदल चलकर सेवाग्राम आते थे। वे सारा दिन वहां काम करके शाम को फिर 11 मील चलते थे। ऐसा बहुत दिनों तक चलता रहा, जिसका उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ना लाजिमी था और यही उनकी अकाल मृत्यु का कारण बना।

5. महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी क्या कहते थे?

उत्तर:- महादेव भाई की लिखावट बेहद शुद्ध और सुंदर थी। उनके लिखे लेख में एक काॅमा की गलती की भी गुंजाइश नहीं रहती थी; और इसीलिए गांधीजी सबसे कहते थे कि उनके सामने किसी भी लेख को पेश करने से पहले सब महादेव भाई की डायरी से मिलान कर लें।




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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?

उत्तर:- पंजाब में फौजी शासन ने मासूम लोगों पर बहुत कहर बसाया था। फौजी शासन ने पंजाब के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार करके उम्रकैद की सजा देकर कालापानी भेज दिया था। लाहौर के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक पत्र ‘ट्रिब्यून’ के प्रमुख संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल की जेल की सजा दी थी और 1919 में ही अंग्रेजी शासन ने जलियांवाला बाग के हत्याकांड को अंजाम दिया था।

2. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था?

उत्तर:- महादेव जी एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी थे। वे स्वभाव से बहुत ही विनम्र और निर्मल व्यक्ति थे। वे अपना सारा काम समय से पूर्व और पूरी ईमानदारी से करते थे। उनकी लिखावट बेहद शुद्ध और सुंदर थी। महादेव को प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार-संपन्न भाषा और मनोहारी लेखनशैली की ईश्वरीय देन मिली थी। बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में गांधीजी के सेक्रेटरी के समान खुशनवीश और कोई नहीं है। महादेव की इन्हीं दोनों ने उनको सबका लाड़ला बना दिया था।

3. महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं?

उत्तर:- महादेव जी की लिखावट बेहद ही सुंदर और श्रद्धा हुआ करती थी। पूरे भारत में उनकी लिखावट का कोई सानी नहीं था। यहां तक कि गांधीजी स्वयं सबको कहते थे कि उनके सामने कोई भी लेख पेश करने से पहले उसे महादेव भाई की टिप्पणी से मिलान कर लिया जाए। लुई फिशर और गुंथर जैसे धुरंधर लेखक भी अपनी टिप्पणियों का मिलान महादेव भाई की टिप्पणियों के साथ करके उन्हें सुधारने के बाद ही गांधीजी के सामने ले जाते थे। गांधी जी का वायसराय के नाम जाने वाला हर महादेव की लिखावट में हुआ करता था।

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निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1. ‘अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’

उत्तर:- महादेव भाई गांधीजी के सबसे नजदीकी सहायक हुआ करते थे और वे गांधीजी के लिए विभिन्न लेख, टिप्पणियां, पत्र, गांधीजी के व्याख्यान, प्रार्थना-प्रवचन, मुलाकातें, वार्तालापों पर लिखी गई टिप्पणियां, आदि लिखा करते थे। वे अपना हर काम पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से करते थे व हर रोज 17-18 घंटे काम करते थे। वे गांधीजी के इतने चहेते थे कि गांधीजी ने उन्हें अपना उत्तरदायी बना दिया था। महादेव भाई गांधी जी के आज्ञाकारी शिष्य की तरह थे और हर किसी को अपना परिचय गांधीजी के हम्माल और उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते हुए गर्व महसूस करते थे।

2. इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।

उत्तर:- वकालत एक ऐसा पेशा है जिसमें सच को झूठ और झूठ को सच साबित करना होता है। एक वकील के लिए यह मायने नहीं रखता कि क्या सच है और क्या झूठ। उसे अदालत में सिर्फ यह साबित करना होता है कि वह जिसके पक्ष में खड़ा है, वह बिल्कुल सही है।

3. देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।

उत्तर:- जिस प्रकार शुक्रतारा सुबह-शाम थोड़े समय के लिए ही दिखाई देता है, उसी प्रकार महादेव भाई भी बहुत जल्दी अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए थे। लेकिन जिस प्रकार शुक्रतारा जितनी भी देर दिखाई देता है उतनी देर उसकी चमक और उसका सौंदर्य सबका मन मोह लेता है, उसी प्रकार महादेव भाई ने भी सबका मन मोह लिया था और वे भी सबके, खासकर गांधीजी के चहेते बन गए थे।

4. उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।

उत्तर:- महादेव भाई की लिखावट बेहद सुंदर और शुद्ध हुआ करती थी। संपूर्ण भारत में उनके अक्षरों का कोई सानी नहीं था। उनको प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार-संपन्न भाषा और मनोहारी लेखनशैली की ईश्वरीय देन प्राप्त थी। हर कोई उनकी लिखावट देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता था और वायसराय के नाम जाने वाले गांधीजी के सभी पत्र महादेव की लिखावट में जाते थे, जिन्हें देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वायसराय प्रसन्न हो उठते थे।




NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 – Shukra tare ke saman – भाषा-अध्ययन

1. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए-

सप्ताह, साहित्य, व्यक्ति, राजनीति, अर्थ, धर्म, मास, वर्ष

उत्तर:-

सप्ताह + इक = सप्ताहिक

साहित्य + इक = साहित्यिक

व्यक्ति + इक = वैयक्तिक

राजनीति + इक = राजनीतिक

अर्थ + इक = आर्थिक

धर्म + इक = धार्मिक

मास + इक = मासिक

वर्ष + इक = वार्षिक

2. नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए-

अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि

उत्तर:-

अ – अन्याय, अकारण।

नि – निस्वार्थ, निर्जन।

अन – अन्वेषण, अनगिनत।

दुर – दुर्व्यवहार, दुर्भाग्य।

वि – विवाद, विदेश, वियोग।

कु – कुपुत्र, कुविचार।

पर – परलोक, परोपकार।

सु – सुविचार, सुकन्या, सुफल।

अधि – अधिनायक, अधीक्षक।

3. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए –

आड़े हाथों लेना, दाँतों तले अँगुली दबाना, लोहे के चने चबाना, अस्त हो जाना, मंत्र-मुग्ध करना।

उत्तर:-

(क). आड़े हाथों लेना- शाम इतने दिनों से पैसे नहीं दे रहा था इसलिए आज राम ने उसे आड़े हाथों ले लिया।

(ख). दाँतों तले अँगुली दबाना- उसकी प्रतिभा को देखकर अच्छे-अच्छे लोग दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं।

(ग). लोहे के चने चबाना- दसवीं की परीक्षा में कठोर परिश्रम करके पहला स्थान प्राप्त करना लोहे के चने चबाने जैसा था।

(घ). अस्त हो जाना- सरस की एक छोटी-सी गलती की वजह से उसकी सारी प्रसिद्धि अस्त हो गई।

(ड़). मंत्र-मुग्ध करना- कोमल इतनी सुंदर है कि सब लोग उसको देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते है।

4. निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए –

वारिस, मुकाम, तालीम, जिगरी, रूबरू, गिरफ्तार, कहर, फ़र्क।

उत्तर:-

वारिस – वंशज, उत्तराधिकारी।

मुकाम – मंजिल, लक्ष्य, गंतव्य।

तालीम – शिक्षा, पढ़ाई।

जिगरी – घनिष्ठ, सच्चा, प्रिय।

रूबरू – परिचित, जान-पहचान, आमने-सामने।

गिरफ्तार – पकड़ना, हिरासत में लेना।

कहर – तबाही, विनाश, विध्वंस, बर्बादी।

फ़र्क – अंतर, भिन्नता, असमानता।




5. उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए –

उदाहरण : गाँधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।

गाँधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

(क). महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देते थे।

(ख). पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।

(ग). दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।

(घ). देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।

(ड़). गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।

उत्तर:-

(क). महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में दिया करते थे।

(ख). पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।

(ग). दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।

(घ). देश विदेश के समाचार-पत्र गांधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।

(ड़). गांधी जी के पत्र हमेशा महादेव के लिखावट में जाया करते थे।

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  1. धूल – रामविलास शर्मा
  2. दुख का अधिकार – यशपाल
  3. एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा – बचेंद्री पाल
  4. तुम कब जाओगे, अतिथि – शरद जोशी
  5. वैज्ञानिक चेतना के वाहक चंद्रशेखर वेंकट रामन् – धीरंजन मालवे
  6. कीचड़ का काव्य – काका कालेलकर
  7. धर्म की आड़ – गणेशशंकर विद्यार्थी
  8. शुक्रतारे के सामने – स्वामी आनंद
  9. अब कैसे छूटे राम, नाम…, ऐसी लाल तुझ बिन – रैदास
  10. दोहे – रहीम
  11. आदमी नामा – नजीर अकबराबादी
  12. एक फूल की चाह – सियारामशरण गुप्त
  13. गीत-अगीत – रामधारी सिंह दिनकर
  14. अग्निपथ – हरिवंश राय बच्चन
  15. नए इलाके में…, खुशबू रचते हैं हाथ… – अरुण कमल

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