CTET Hindi Notes – भाषा के कार्य एवं इसके विकास मैं बोलने एवं सुनने की भूमिका तथा भाषा के कौशल

शिक्षण विधियां

भाषा शब्द भाष धातु के योग से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है – अभिव्यक्त करना अर्थात वाचिक ध्वनि संकेतों की ऐसी व्यवस्था है जिसके माध्यम से व्यक्ति परस्पर विचारों का विनिमय (आदान – प्रदान) करते हैं |
भाषा साधन है तथा भाषा ही साध्य है अर्थात उन्नति व सफलता का मूलभूत आधार भाषा है |

भाषा की विशेषताएं

1. प्रत्येक भाषा का मानक रूप होता है |
2. भाषा संयोग से वियोगा अवस्था की ओर बढ़ती है |
3. भाषा स्थूल से सूक्ष्म की ओर बढ़ती है |
4. भाषा व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक है |
5. प्रत्येक भाषा की संरचना में भिन्नता होती है |

बच्चों को भाषा की शिक्षा की आवश्यकता क्यों –

1. चारों कौशलो का विकास करना |
2. स्वयं पढ़कर ज्ञान अर्जन कर सके |
3. सौंदर्य अनुभूति प्राप्त कर साहित्यिक ज्ञान प्राप्त कर सके |
4. मौन वाचन का विकास हो सके |
5. सर्वागीण विकास हो सके |
6. विचार अभिव्यक्त कर सके |

 

भाषा का आधार

भाषा के आधार दो होते हैं –

1. मानसिक आधार – यह अनिवार्य आधार है इसमें चिंतन मनन की शक्ति आती है |
2. भौतिक आधार – शरीर के बाह्य अंग आते हैं |

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