Tatpurush Samas or Tatpurush Samas ke bhed in Hindi (तत्पुरुष समास और तत्पुरुष समास के भेद)
तत्पुरुष शब्द = तत् + पुरुष के योग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘उसका पुरुष’
(1) तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है अर्थात् विभक्ति का लिंग, वचन दूसरे पद के अनुसार होता है।
(2) तत्पुरुष समास में कारक विभक्तियों का प्रयोग होता है परन्तु ‘कर्ता’ व ‘सम्बोधन’कारक की विभक्तियों इसमें नहीं आती।
तत्पुरुष समास के भेद (Tatpurush Samas ke Bhed)
तत्पुरुष समास के 7 भेद होते है |
- कर्म तत्पुरुष (को)
- करण तत्पुरुष (से, के द्वारा)
- सम्प्रदान तत्पुरुष (के लिए)
- अपादान तत्पुरुष (‘से’)
- सम्बन्ध तत्पुरुष (का, की, के)
- अधिकरण तत्पुरुष समास (मे, पर)
- नञ तत्पुरुष
कर्म तत्पुरुष (Karm Tatpurush) – को
शरणागत = शरण को आगत
कृष्णार्पण = कृष्ण को अर्पण
तापमापी = ताप को मापने वाली
गगनचुंबी = गगन को चूमने वाला।
करण तत्पुरुष (Karan Tatpurush) – से, के द्वारा
तुलसीकृत = तुलसी द्वारा कृत
मेघाच्छन्न = मेघ से आछन्न
रत्न जडि़त = रत्नों से जडि़त
तारो भरी = तारो से भरी हुई
कर्म और करण तत्पुरुष समास
सम्प्रदान तत्पुरुष (Sampradan Tatpurush) – के लिए
गुरु दक्षिणा = गुरु के लिए दक्षिणा
युद्धभूमि = युद्ध के लिए भूमि।
रसोईघर = रसोई के लिए घर
डाकगाड़ी = डाक के लिए गाड़ी
अपादान तत्पुरुष (Apadan Tatpurush) – ‘से’
जलजात = जल से जात (जन्म)
आशातीत = आशा से तीत (परे)
ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त
देशनिकाला = देश से निकाला
संप्रदान और अपादान तत्पुरुष समास
सम्बन्ध तत्पुरुष (Sambandh Tatpurush Samas) – का, की, के
पनघट = पानी का घाट
पनवाडी = पान की वाडी (दुकान)
राष्ट्रपति = राष्ट्र का पति
गंगाजल = गंगा का जल
विधालय = विधा का आलय
अधिकरण तत्पुरुष (Adhikaran Tatpurush Samas) – मे, पर
रेलगाड़ी = रेल पर चलने वाली गाड़ी
बटमार = बट (रास्ता) में मारने वाला।
घुड़सवार = घोड़े पर सवार
सिरदर्द = सिर में दर्द
हरफ़नमौला = हर (प्रत्येक) फ़न (कला), मौला (निपुण)
संबंध और अधिकरण तत्पुरुष
नञ तत्पुरुष (Nayy Tatpurush Samas)
संस्कृत में निषेध आदि के अर्थ में ‘नञ’ तत्पुरुष का प्रयोग किया जाता है।
→ नञ तत्पुरुष में अ, (अन्), न (ना) उपसगों का प्रयोग नकारात्मक अर्थ में किया जाता है।
अटूट = न टूटा
अनिच्छुक = न इच्छुक
नगण्य = न गण्य
नालायक = न लायक